बक्सर खबर : गंगा में आयी बाढ़ के लिए सहायक नदियां जिम्मेवार हैं। देश के अधिकांश बांध का पानी इसमें पहुंच रहा है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार फिलहाल गंगा में 19 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। जिसका नतीजा सबके सामने हैं। मंगलवार की दोपहर जलस्तर 61.24 आंका गया। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार फिलहाल जलस्तर थम गया है। पर वास्तविकता यह नहीं है। पानी धीरे-धीरे बढ़ ही रहा है। राहत की बात यह है कि इलाहाबाद में आज सुबह से पानी स्थिर हो गया है। लेकिन माता टिला डैम से प्रतिदिन एक लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। चंबल का पानी यमुना के रास्ते गंगा में आ रहा है। इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर जरुर थम गया है। पर वहां यमुना का पानी अभी भी प्रति घंटे एक से डेढ़ सेमी बढ़ रहा है। इधर नयी खबर मिली है। यूूपी के चंदौली जिले के तीन डैम- लतिफ साह, मुसा खांड और नगवां बांध से पन्द्रह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो कर्मनाशा के रास्ते सीधे चौसा में आकर बाढ़ को बढ़ाएगा। बक्सर में पानी का दबाव पिछले पांच दिनों से यथावत है। इसकी क्या वजह है? यह पूछने पर अधिकारियों ने बताया कि बिहार की नदियों के कारण ऐसा हुआ है। सोन, कोसी, घाघरा व गंडक सभी लबालब हैं। जिसकी वजह से पटना समेत नीचे के हिस्से में इतना पानी भर गया है। जो इधर के पानी को आगे बढऩे से रोक रहा है। इन सभी के एक साथ हो जाने के कारण गंगा में दबाव बना हुआ है। यह स्थिति लगातार बनी रहेगी। अगले बहत्तर घंटे तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
पच्चीस पंचायतों के स्कूल हुए बंद
बक्सर : बाढ़ की स्थिति से मीडिया को अवगत कराने के लिए डीएम रमण कुमार ने मंगलवार को समाहरणालय में प्रेस वार्ता की। ताजा जानकारी के अनुसार जिले के पांच प्रखंड़ों की 25 पंचायतें प्रभावित हैं। इन सभी जगहों पर सरकारी और निजी स्कूल को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। कुल 36 गांव पानी से घिर गए हैं। यहां बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। चौसा के आठ पंचायत, बक्सर के चार, सिमरी के सात, ब्रह्मपुर के पांच व चक्की के एक पंचायत में बाढ़ ने असर छोड़ा है। इन सभी जगहों पर राहत शिविर बने हैं। पर अभी कोई वहां तक नहीं जा रहा है। राहत सामग्री के रुप में दो किलो चुड़ा, गुड, मोमबत्ती व दिया सलाई मुहैया कराया जा रहा है।