सात साल पहले इसी लक्ष्मणपुर में मारे गए थे सात

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बक्सर खबर : राजपुर का लक्ष्मणपुर गांव जिसे राजपुर का चंबल भी कहा जाता रहा है। सात साल पहले इस गांव में बिहार के कुख्यात अपराधी सुरेश राजभर का एनकाउंटर हुआ था। 24 जून 2010 को सूचना मिली सुरेश गांव में छिपा है। छोटे से गांव को पुलिस ने घेर लिया। घरों में छीपे अपराधियों ने पुलिस पर गोली दाग दी। एक सैप जवान वहीं ढ़ेर हो गया। पुलिस ने भी मोर्चा खोल दिया। 27 घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरेश राजभर व उसके छह साथी मारे गए। जब उनका शव अस्पताल पहुंचा तो किसी ने भी शवों को लेने से इनकार कर दिया था।

अब ऐसा कहा जा रहा है। सुरेश के काउंटर में लक्ष्मणपुर के ही राजभर परिवार के युवक ने मुखबिर की भूमिका निभाई थी। उसी घटना से इस हत्याकांड को जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि सुरेश का भाई मुन्ना राजभर बदले की नियत से उस युवक की तलाश रहा था। गुरुवार की रात लक्ष्मणपुर में जीन दो दादा-पोते की हत्या हुई। संभवत: वह युवक इसी परिवार का है। कुछ लोगों ने यह सवाल भी किया। सात वर्ष बाद हत्या का बदला। समझ में नहीं आ रहा है। वहीं उस घटना से इस हत्या को जोड़कर देखने वालों का तर्क है। अपराधी अपना नया गिरोह बना रहे थे। मौका मिलते ही रक्तपात हो गया। मनोज व संतोष को घर में घुस मारा गया। पैसठ वर्षीय रामबचन खलिहान के पास बैठे थे। अपराधियों ने उन्हें भी अपना निशाना बना लिया।

पूछने पर पुलिस कप्तान उपेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा यह गांव काफी संवेदनशील है। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चला है। परिजन भी अज्ञात लोगों पर आशंका जता रहे हैं। दूसरे पहलु पर भी गहन जांच हो रही है।

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