बक्सर खबर : जब कोई व्यक्ति कलक्टर सा व्यवहार करे तो वह स्वभाविक रुप से लोक निंदा का पात्र बनता है। वहीं दूसरी अगर कोई डीएम आम आदमी से व्यवहार करें तो वह प्रशंसा पाता है। जिलाधिकारी रमण कुमार ने मंगलवार को कुछ ऐसा ही किया। कई सरकारी कार्यक्रमों से होते-होते वे नगर भवन पहुंच गए। जहां चल रहे पुस्तक मेले के बीच बच्चों की भाषण प्रतियोगिता हो रही थी। वे सबसे पीछे आम आदमी की तरह बैठ गए। इतना ही नहीं वे बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए तब तक डटे रहे। जब तक उनका भाषण समाप्त नहीं हो गया। ऐसा नहीं है उनकी मौजूदगी का पता आयोजकों को नहीं चला। जब मंच पर बैठे लोगों ने उनको देखा तो आग्रह किया गया। आप यहां आए, पर डीएम ने इशारे से मना कर दिया। उनके इस व्यवहार का असर बड़े लोगों पर जो पड़ा हो। बच्चों पर बहुत अच्छा पड़ा। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए शहर के सभी प्रमुख विद्यालय के छात्र-छात्राएं वहां एकत्रित थे। उन्होंने जब देखा कि अधिकारी होने का तात्पर्य यह नहीं होता। लोगों पर रौब दिखाना। वरन फलदार वृक्ष की तरह झुक जाना होता है। बक्सर खबर इस खबर के साथ इस बात का उल्लेख भी कर देना चाहता है कि दस दिनों तक नगर भवन में चलने वाले पुस्तक मेले का बुधवार को समापन हो गया। इसके लिए प्रगतिशील लेखक संघ, शहर के अन्य सामाजिक संगठन व जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। इस छोटे शहर में इस तरह का पुस्तक मेला अच्छी पहल है। जिले में इसका यह दूसरा वर्ष था।