बक्सर खबर : रक्षा बंधन का त्योहार सोमवार को सुबह 10 :30 से दोपहर 1:52 के मध्यम मना लें। क्योंकि श्रावण मास की पूर्णिमा की यही घडी शुभ है। साढे दस से पहले पचखा का प्रभार है। वहीं 1:52 के बाद ग्रहण का सुतक प्रभाव प्रारंभ हो जा रहा है। इस वजह से दोपहर बाद कोई भी शुभ कार्य ग्रहण के उग्रह समय तक नहीं होगा। मंदिरों के पट भी दोपहर बाद बंद कर दिए जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम दूबे ने बताया रात्रि में 10:52 से ग्रहण का समय प्रारंभ हो रहा है। इसके नौ घंटे पूर्व ही ग्रहण का प्रभाव प्रारंभ हो जाएगा।
इससे बचने के लिए अनिवार्य है समय का ध्यान रखा जाए। रात्रि 12:49 में चन्द्र ग्रहण का प्रभाव समाप्त होगा। बहुत से लोग ग्रहण से पूर्व व उग्रह पर स्नान करते हैं। कुछ लोग मध्य काल में भी स्नान करते हैं। इस बार चन्द्र ग्रहण का प्रभाव किस राशि के लिए कैसा है। पंडित दूबे ने बताया मेष राशि के लिए सुख, वृश के लिए मानहानी, मिथुन- घोर कष्ट, कर्क- स्त्री पीडा, सिंह-सुख, कन्या -चिंता, तुला-व्यथा, वृश्चिक -लक्ष्मी कारक, धनु-हानी, मकर-शत्रु घातक, कुंभ-हानी, मीन-लाभ के लक्षण हैं।