बक्सर खबरः फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले तीन शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बीडीओ तथा बीईओ को दिया है। जांच के बाद तीनों शिक्षकों के टीईटी फर्जी पाये गये है। इसकी पुष्टि बीइओ संजीव कुमार ने की। उन्होने बताया कि डीइओं के आदेश के आलोक में शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। सोवां निवासी नीरज कुमार सिंह की शिकायत पर डीइओं, बक्सर द्वारा कन्या मध्य विद्यालय के प्रखण्ड शिक्षक सुनैना कुमारी, हरेकृष्ण यादव तथा पंकज कुमार के प्रमाण पत्रों की जांच कराया गया। जिसमें टीईटी का प्रवेश पत्र, अंक पत्र एवं अंक पत्रों की जांच के बाद फर्जी पाया गया। जांच के क्रम यह पाया गया कि सुनैना देवी की जन्मतिथि तथा प्रवेश पत्र व नियोजन आवेदन में अलग-अलग महिला का फोटो लगाकर फर्जी तरीके से नौकरी हासिल किया गया था। हरे कृष्ण यादव द्वारा भी जन्मतिथि तथा आवेदन पत्रों में गलत पता तथा अलग-अलग फोटो लगाकर धोखाघड़ी से शिक्षक बन गये। इतना ही नहीं फर्जीवाड़े की हद करने वाले हरे कृष्ण यादव जन वितरण प्रणाली के दुकानदार होते हुए भी जालसाजी कर शिक्षक भी बन गये। डीलर से शिक्षक बने तथा कथित गुरूजी की करतूत का खुलासा होने के बाद भी वे दो अलग-अलग व्यक्ति होने का दावा करते हुए प्रशासन की आंखों में छहः माह से धुल झोंक रहे थे। जब कलई खुल गयी तो शिक्षक चिकित्सा अवकाश पर चले गये। प्रशासन के अधिकारी डीलर सह शिक्षक को खोजते रहे। लेकिन कई माह तक कार्रवाई की फाइल धुल फांकती रही। इसके बाद कठार निवासी अजय कुमार सिंह ने लोग शिकायत निवारण पदाधिकारी, डुमरांव के पास लिखित शिकायत कर तमाम तरह के साक्ष्य दिये। इसके बाद पदाधिकारी ने भी आरोपी शिक्षकों को बर्खास्त कर वेतन के रूप में सरकारी राशि के गबन का मामला बताते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया है। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अलग से आदेश दिया है। तीसरे शिक्षक पंकज कुमार के प्रमाण पत्रों में फर्जी फोटो के साथ कई प्रकार के तथ्य भी गलत पाये गये हैं। डीइओं ने अपने पत्रांक 453 दिनांक 19 दिसम्बर, 2016 के आदेश में कहा है कि प्राप्त शिकायत तथा नियोजन इकाई से प्राप्त प्रमाण पत्रों की जांच के बाद जांच पदाधिकारी के प्रतिवेदन में कन्या विद्यालय, ब्रहम्पुर के तीनों प्रखण्ड शिक्षकों का नियोजन रद्द कर इनके विरूद्ध जालसाजी व सरकारी राशि गबन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराये। ज्ञात हो कि तीनों फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति प्रखण्ड नियोजन इकाई ब्रहम्पुर द्वारा 2015 में की गई थी।