बक्सर खबर : राजपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे भाजपा नेता रामनरायण राम नहीं रहे। रविवार रात नौ बजे के लगभग उनका निधन हो गया। रामनरायण अपने मिलनसार स्वभाव के कारण जिले के लोकप्रिय जन प्रतिनिधि रहे। लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। उनके भतीजे विश्वनाथ राम ने बताया कि घर पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली। शहर के कोइरपुरवा इलाके में इनका आवास है।
व्यक्तिगत जीवन
बक्सर : रामनरायण राम चौसा प्रखंड के सोनपा गांव निवासी स्व: रामदहीन राम के पुत्र थे। राजनीति में आने से पूर्व वे चौसा में सरकारी अध्यापक थे। इनको जानने वालों ने बताया कि इनकी कोई संतान नहीं थी।
राजनीतिक जीवन
बक्सर : रामनरायण राम की राजनीतिक पारी कांग्रेस के साथ प्रारंभ हुई। वर्ष 1980 में जब जनसंघ भाजपा बनी। उस समय वे इस दल में आ गए। वर्ष 1985 में पहली बार राजपुर सुरक्षित सीट से विधायक का चुनाव लड़े। उन्हें जिले में भाजपा का पहला विधायक बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वर्ष 1990 में दूसरी बार भी उन्हें जीत हासिल हुई। 1995 के चुनाव में उन्हें कम्यूनिस्ट पार्टी के अर्जुन राम ने शिकस्त दी। 2000 के चुनाव में यह सीट भाजपा के कोटे से निकल कर गठबंधन के दल समता पार्टी के कोटे में चली गयी। उनका टिकट कटा तो वे भाजपा से नाराज हो निर्दलीय चुनाव लड़े। तब यह सीट बहुजन के खाते में च
ली गयी। यहां से छेदीलाल राम विधायक बने। रामनरायण ने भी राजद की सदस्यता ले ली। पर वह दल भी बहुत दिनों तक उन्हें रास नहीं आया। अंतत: वे भाजपा के लौट आए। 2015 के विधानसभा चुनाव में उनके भतीजे विश्वनाथ राम को एक बाद फिर भाजपा ने टिकट दिया। वे चुनाव नहीं जीत सके। रामनरायण राम के राजनीतिक जीवन की जानकारी पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष बबन उपाध्याय ने बक्सर खबर से शेयर की।
शोक व्यक्त
बक्सर : पूर्व विधायक के स्वर्गवास की खबर मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गयी। पार्टी से जुड़े लोगों ने बक्सर खबर से संपर्क कर गहरा शोक जताया। पूर्व अध्यक्ष बबन उपाध्याय, युवराज चन्द्र विजय सिंह, पूर्व नगर अध्यक्ष माधव चन्द्र श्रीवास्तव, शंभुनाथ पांडेय ने शोक जताया।