बक्सर खबर । फास्टट्रैक कोर्ट टू के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने हत्या के एक मामले में 10 अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक अन्य अभियुक्त को न्यायालय ने दोष मुक्त करते हुए रिहा कर दिया। गुरुवार को खचाखच भरे न्यायालय में फैसला सुनाया गया। फैसला सुनाए जाने के समय अभियुक्तों के चेहरे उड़े हुए थे। कई अभियुक्त फैसला सुनने के साथ ही रोने लगे। बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
घटना राजपुर थाना कांड संख्या 76 सन 2009 से संबंधित है। ललमनपुर गाँव में 4 अगस्त 2009 को जमीनी विवाद में हरिहर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियुक्तों ने सामान्य आशय के साथ मजमा बनाकर हमला किया था। जिसमें अन्य कई लोग भी घायल हो गए थे। उक्त मामले को लेकर हरेराम सिंह ने सहोदरी देवी, जय नाथ सिंह, तेज नारायण सिंह, हृदयानंद सिंह, नंदलाल सिंह, छोटेलाल सिंह, जय किशन सिंह, वीरेंद्र सिंह, नंदकिशोर, भोली लाल सिंह एवं दिनेश सिंह के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
सुनवाई में न्यायालय ने सहोदरी देवी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। बाकी दसों अभियुक्तों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत एवं अभियुक्त दिनेश सिंह को 302 के अलावे आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत भी सजा दी गई है। सुनवाई में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक रामकृष्ण चौबे एवं त्रिलोकी मोहन ने बहस में हिस्सा लिया।