बक्सर खबरः चिलहरी गांव निवासी व वर्ष 2001 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए वीर चितरंजन की 16 वीं पूण्यतिथि रविवार को उनके पैतृक गांव में मनाई गई। शहीद चितरंजन स्मारक निर्माण समिति द्वारा अयोजित पूण्यतिथि समारोह में उपस्थित सैकड़ो ग्रामीणों ने उनके तैल्य चित्र पर पूष्पांजली दी तथा उनकी वीरता को याद करते हुए हर हाल में उनकी प्रतिमा बनवाने का निर्णय लिया। वक्ताओं ने बताया कि कारगिल युद्ध के समापन के बाद शहीद चितरंजन घनें जंगलों में सर्च आपरेशन चलाने वाले फौज की टुकड़ी के हिस्सा थे। उसी दौरान जंगल में छिपे आतंकियों ने घात लगाकर उनके एक आंख में गोली मार दी थी। जिससे चितरंजन शहीद हो गए थे।
इसके पूर्व कारगिल युद्धय के दौरान उन्होंने अपनी बहादूरी से दुश्मनों को नाकों चने चबवा दिए थे। शहीद चितरंजन की याद में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई थी। वक्ताओं नें उनके जीवन वृत पर विस्तार से प्रकाश डाला। बता दें कि शहीद चितरंजन स्मारक निर्माण समिति द्वारा हर वर्ष उनकी पूण्यतिथि मनाई जाती है। पूण्यतिथि मनाने के दौरान डा ओमप्रकाश सिंह, प्रो उदय राय, कमलाकांत सिंह, मिथिलेश राय, डुमरांव यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, जीतेन्द्र राय, सूर्य कुमार राय, शम्भू चैरसिया, कंचन सिंह, उत्तम राय, रामेश्वर चैधरी, सुरेन्द्र यादव, मुन्ना अंसारी, फतीगन खरवार आदि थे।