-बक्सर में 8:24 से दिखाई देखा ग्रहण, जाने किस राशि के जातक पर क्या होगा प्रभाव
बक्सर खबर। 26 दिसम्बर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र पर लग रहा है। भारत के अधिकांश भागों में यह ग्रहण खण्डग्रास के रुप मे तथा दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों मे कंकणाकृति (अंगुठी) की तरह दिखाई देगा। भारतीय मानक समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत भारत में प्रातः 08:00 बजे होगी। ग्रहण मध्य 10:48 पर होगा तथा मोक्ष 12:36 पर होगा।
काशी क्षेत्र में ग्रक्षण स्पर्श-08:21, ग्रहण मध्य 09:40 ग्रहण मोक्ष-11:14पर होगा। बक्सर में 08:24 से दिखाई देगा। इस क्षेत्र मे ग्रहण की कुल अवधि 02घंटा 53मिनट। जबकि पूरे भारत की ग्रहण अवधि 4 घंटा 36 मिनट की होगी। ग्रहण का ग्रासमान 0.970 है।
यह तो हो गई ग्रहण की बात। अब जाने ग्रहण सूतक के बारे में
बक्सर खबर। सूर्यग्रहण का सूतक दिखाई देने वाले स्पर्श समय से 12 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो जाता है। ग्रहण में दो स्नान का शास्त्रीय विधान है। ग्रहण स्पर्श के समय स्नान पुनः मोक्ष के समय स्नान। स्पर्श समय स्नान करके ग्रहण अवधि में मंत्रों का जप करने से संक्षिप्त पुरश्चरण हो जाता है। यानि मंत्र सिद्ध और जाग्रत हो जाता है।
सूतक मे निषेध-
बक्सर खबर। सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना मूर्ति को स्पर्श करना, भोजन करना, मैथुन क्रिया, यात्रा इत्यादि वर्जित है। बालक, वृद्ध, रोगी अत्यावश्यक में पथ्याहार ले सकते है। भोजन सामग्री जैसे दूध, दही घी इत्यादि में कुश रख देना चाहिए। गर्भवती महिलाएँ पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगा लें। ग्रहण अवधि में श्राद्ध-दान-जप-मंत्र सिद्धि इत्यादि का शास्त्रोक्त विधान है।
राशि के अनुसार ग्रहण का फलाफल–
मेष–मान,सम्मान हानि भय।
वृष–मृत्यु तुल्य कष्ट ,अरिष्ट भय।
मिथुन–स्त्री कष्ट भय।
कर्क–सुख वृद्धि।
सिंह–चिन्ता, व्याकुलता।
कन्या–व्यथा, दुःख भय।
तुला–लक्ष्मी प्राप्ति, सुख वृद्धि।
वृश्चिक–क्षति, हानि भय।
धनु–घात, विश्वासघात भय।
मकर–हानि, भय।
कुंभ–लाभ, सुख।
मीन–सुख वृद्धि
नोट–मूल नक्षत्र में जन्म लेने वालें को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
यह समस्त जानकारी हमें आचार्य त्रय पं-नरोत्तम द्विवेदी ने दी है।