बक्सर खबर। इस माह की 27 तारीख से पंचकोश मेला प्रारंभ हो रहा है। मेले का पहला पड़ाव अहिरौली में लगेगा। जहां जलेबी और अन्य पकवान लोग खाते हैं। यह वह स्थान है जहां अहिल्या का उदृधार हुआ था। अले दिन दूसरा पडाव नदांव में लगता है। जहां कभी नारदमुनी का आश्रम हुआ करता था। यहां लोग खिचडी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। अगले दिन भार्गव ऋषि के आश्रम वर्तमान गांव भभुअर में मेला लगता है। जहां चुडादही का प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
चौथे दिन बडका नुआंव में मेला लगता है। जहां हनुमान जी की मांता अंजनी का आश्रम हुआ करता था। पांचवां और अंतिम पडाव चरित्रवन में लगता है। जहां लोग लिटृटी चोखा बनाकर खाते हैं। यह तिथि 1 दिसम्बर को आ रही है। यह जानकारी पंचकोशी परिक्रमा समिति के सदस्यों ने शनिवार को दी। बसांव मठ पर प्रेस वार्ता आयोजित हुई। महंत अच्युत्तप्रपन्नाचार्य जी अध्यक्ष, संयोजक डा॰ रामनाथ ओझा एवं अन्य लोगों ने बताया कि मेले की तैयारी पूर्ण हो चुकी है।
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
बक्सर खबर। मेले की तैयारी एवं श्रदृधालुओं की सुविधा के लिए प्रशासनिक स्तर से मदद के लिए एसडीओ व डीएसपी ने इन सभी स्थानों का भ्रमण किया। निरीक्षण के पहले क्रम में सभी लोग अहिरौली गए। वहां स्थानीय लोगों एवं पंचायत के सहयोग से जन सुविधाओं का प्रयास किया गया। हालाकि मेले के लिए किसी तरह की प्रशासनिक मदद नहीं मिलने के कारण अधिकारी चाहकर भी कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। बावजूद इसके एसडीओ केके उपाध्याय व डीएसपी सतीश कुमार ने सभी पांच स्थानों का जायजा लिया। स्थानीय लोगों से सहयोग की अपेक्षा की।