– सबको मिली अस्पताल से छुट्टी, गांव में भी शुरू होगा अभियान
बक्सर खबर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वितरित फाइलेरिया की दवा खाने से लगभग चालीस स्कूली छात्र शुक्रवार को बीमार पड़ गए। इसको लेकर कुछ घंटों तक खुब हाय तौबा मची। बीमार बच्चों को अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उनका प्राथमिक उपचार किया। दो घंटे की निगरानी के बाद सबको घर जाने की सलाह दी। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि खाली पेट दवा खाने से उन्हें थोड़ा चक्कर महसूस हुआ होगा। बच्चे छोटे हैं, इस वजह से अभिभावक घबरा गए थे। मामला इटाढ़ी के चिलबिला मध्य विद्यालय का है। वहां शिक्षकों की मौजूदगी में आशा कर्मियों ने बच्चों को पहले अल्बेंडा जोल व फिर फाइलेरिया की दवा खिलाई।
लेकिन, इन दवाओं को लेते समय आधे घंटे का अंतर नहीं रखा गया। हालांकि स्कूली बच्चों को दवा खिलाने का अभियान जिले में तीन दिनों से चल रहा है। 22 सितंबर को विद्यालयों में दवा खिलाने का अभियान समाप्त हो रहा है। इसके बाद गांव में घुम-घुम कर दवा खिलाई जाएगी। इसमें दो वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती महिला और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं देने का निर्देश जारी किया गया है। अन्य किसी को इस दवा से कोई नुकसान नहीं है। हालांकि फाइलेरिया की दवा में बच्चे, किशोर व व्यस्क की खुराक में अंतर जरुर है। तीन से पांच वर्ष के बच्चों को एक गोली, छह से 18 वर्ष वालों को दो गोली तथा उससे अधिक उम्र वाले को तीन गोली खानी है।