बक्सर खबर : पांच साल पहले जीस बेटे को मरा हुआ मान गंगा में प्रवाहित कर दिया गया था। मंगलवार को वह अपने गांव लौट आया। मरा लड़का कैसे जिंदा हो गया। यह देख परिवार ही नहीं पूरा गांव अवाक रह गया। उसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यह वाकया आज नावानगर के आथर बिंद डेरा गांव में देखा गया। पांच साल पहले सातवीं कक्षा में पढऩे वाला सत्येन्द्र अब अपने घर साधु बनकर लौटा है। जिस पर पूरे गांव को जैसे विश्वास ही नहीं हो रहा। उस समय सत्येन्द्र लगभग 13 या 14 वर्ष का रहा होगा। जब वह युवा अवस्था में है। घर वाले उसे पाकर फुले नहीं समा रहे।
पांच साल पहले सांप के डसने से हुई थी मौत
बक्सर : नावानगर थाना के बासुदेवा ओपी क्षेत्र के आथर बिंदर टोली में रहने वाले राम बिहारी बिंद के बेटे सत्येन्द्र कुमार को सांप ने काटा था। यह घटना 11 जून 2011 को हुई थी। उस रात वह छत पर सो रहा था। घ्र वालों ने उसका उपचार कराया। पर उसकी मौत हो गयी। ऐसा चिकित्सकों ने बताया। घर वालों ने उसे केले के पौधे के साथ बांध गंगा में प्रवाहित कर दिया। अपने इलाके में ऐसी लोक परंपरा है कि सर्प दंश से मरने वाले को पानी में केले के पौधे के साथ बांधकर छोड़ दिया जाता है।
उज्जैन के साधु ले आए गांव
बक्सर : सत्येन्द्र को पांच वर्ष बाद गांव लेकर उज्जैन से पांच साधु आए हैं। वे पूछने पर अपना नाम नहीं बता रहे। उनके अनुसार आज से पांच साल पहले उन्हें गंगा स्नान के दौरान यह बालक मिला था। जो किनारे पर लगा था। देखने पर पता चला कि इसके पैर में कुछ हरकत हो रही है। हम लोगों ने इसे बाहर निकाला। उपचार के दौरान यह ठिक हो गया। यह हमारे साथ ही रहने लगा। इसकी इच्छा के अनुसार इसे साधु बना दिया गया। पर यह बार-बार बक्सर, नावानगर और आथर का नाम लेता था। पूछने पर कहता था वह पूर्व जन्म में इसकी गांव का निवासी था। हम लोग जिज्ञासा वस इसे यहां ले आए।
देखते ही पिता हो गए बेहोश
बक्सर : पांच साल बाद अपने पुत्र को जिंदा देख उसके पिता राम बिहारी बेहोश हो गए। किसी तरह पानी छिड़क उनको होश में लाया गया। उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है।
जाको राखे सांइयां मार सके न कोय,
बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय |