बक्सर खबर : विशेश्वर ओझा की हत्या ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। रविवार को उनके परिजनों से मिलने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। पासवान ने कहा कि इसमें राजद के शाहपुर विधायक मंटू तिवारी का भी हाथ है। हालाकि अगले दिन मंटू तिवारी ने भी सफाई दी। इसे भले ही कोई राजनीति करार दे। पर सच्चाई यह है हत्या में नामजद हरिश मिश्रा व ब्रजेश मिश्रा ग्राम सोनवर्षा अभी भी फरार हैं। कभी यह दोनों 50-50 हजार रुपये के इनामी रहे हैं। फिलहाल वे जमानत पर हैं।
पुलिस का बयान भी है संदेहास्पद
बक्सर : बारह फरवरी को हुई हत्या में पुलिस का बयान भी संदेह के घेर में है। 14 को आइजी ने बयान दिया कि घटना गैंगवार का परिणाम है। 15 को पटना में एडीजी का बयान आया। मामला भूमि विवाद से जुड़ा है। इस तरह के बयान और अब तक की हुई मौजूदा पुलिसिया कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। जबकि भाजपा सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है।
विदेश दौर पर है हुलास पांडेय
बक्सर : शाहाबाद की राजनीति में बरमेश्वर मुखिया की मौत के बाद दो चर्चित चेहरे सक्रिय थे। जिसमें एक नाम विशेश्वर और दूसरा नाम हुलास पांडेय का है। विशेश्वर की मौत के बाद बहुत से लोगों ने हुलास पांडेय के बारे में जानना चाहा। सूत्रों ने बताया कि पांडेय हत्या होने से पहले ही विदेश दौरे चले गए हैं। अभी तक उनकी वापसी नहीं हुई है।
डीआइजी और एसपी ने नहीं उठाया फोन
बक्सर : शहाबाद डीआइजी व आरा एसपी से ताजा हाल जानने के लिए बार-बार संपर्क किया गया। पर इनमें से किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया।
रामबिलास से बढ़िया नेता कोई नही हैं।बिहार के लिये।