बक्सर खबर : किश्मत खराब होना शायद इसी को कहते हैं। शहर के नालबंद टोली में रहने वाले गरीब प्रदीप चौधरी का नौ वर्षीय बेटा फांसी पर झूल गया। मुहल्ले वालों ने बताया कि वह पंखे से लटक गया था। महज नौ साल के बच्चे ने ऐसा क्यूं किया। यह सवाल सबके जेहन में दौड़ रहा था। यह घटना शनिवार को ग्यारह बजे के लगभग हुई। आस-पास के लोगों ने यह संभावना जतायी कि प्रदीप चौधरी के दो बेटे हैं। वे आपस में खेल रहे होंगे। तभी यह घटना हुई है। बड़ा बेटा कल्लू लगभग चौदह साल का है। छोटा बेटा सिटू नौ वर्ष थ। घटना के तुरंत बाद परिवार वालों ने सिटू के शव को प्रवाहित कर दिया। जब पुलिस को सूचना मिली तो वह भी पहुंची। परिवार के लोगों ने कहा कि वह छत से गिर गया था। जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। परिवार में हुई दुखद घटना को देखते हुए पुलिस ने किसी को परेशान करना उचित नहीं समझा। पर यह बात सबको परेशान करने वाली है। महज नौ वर्ष के बच्चे अगर फांसी पर झूलने लगे तो समाज का क्या होगा। अगर यह घटना टीवी धारावाहिक अथवा फिल्म की देन है तो इस पर ध्यान देने की जरुरत है।
बहौत दुःखद घटना घटी ये तो,
ये सब टीवी की देन ही से हो रहा है समाज मे,
ऐसे खेल बच्चे तो आपस मे खेल सकते हैं क्योंकि वो बच्चे हैं न,
हमे ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिये,
उनका ख्याल रखना चाहिये,
ऐसे खेल खेलना तो बच्चों के लिये कोई बड़ी बात नही है,
किंतु वो क्या जाने ऐसे खेल का क्या अंजाम होता है,
ऐसी घटनाओं से तो शोकाकुल समाज ही होता है,
भगवती जगदंबिका उसकी आत्मा को सद्गति दें,
परिवार को सहन शक्ति दें ||