बक्सर खबर : जिला योजना विभाग के खजाने से एक करोड़ पन्द्रह लाख पचहत्तर हजार रुपये की फर्जी निकासी कर ली गयी है। यह घोटाला एक अकेले कर्मचारी ने डीएम का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कर लिया है। ऐसा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है। जिला नजारत में सहायक नाजिर की जगह कार्यरत पंकज कुमार सिंह ने इस कारनामे को अंजाम दिया है। सरकारी खजाने से यह राशि अपने नाम के बैंक खाते में उसने जमा करायी है। इसका खुलासा गुरुवार को हुआ। जब बैंक में निकासी के लिए गए 18 लाख रुपये के चेक की सूचना जिला नाजिर को मिली। बैंक से फोन करने वाले अधिकारी ने प्रश्न पूछा क्या किसी पंकज के नाम से 18 लाख रुपये का चेक डीएम साहब ने भेजा है। यह बात सुनते ही नाजिर कन्हैया प्रसाद चौक गए। उन्होंने उल्टा सवाल किया, किस योजना की राशि है? पता चला कि यह राशि मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना की है। उन्होंने चेक रोकने को कहा और सीधे बैंक पहुंचे। चेक देखते ही पता चल गया कि यह फर्जी हस्ताक्षर के द्वारा निकासी का मामला है। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना नजारत उप समाहर्ता राजेश कुमार को दी। मामला डीएम के संज्ञान में दिया गया। एकाउंट रजिस्टर की जांच होने लगी। पता चलाकि यह गबन तो एक करोड से उपर का है। डीएम के निर्देश पर पर एनडीसी ने नगर थाने में सहायक नाजिर पंकज कुमार सिंह के खिलाफ 1 करोड़, 15 लाख 75 हजार रुपये गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी है। नगर कोतवाल राघव दयाल ने कहा कि डीएम के हस्ताक्षर का मिलना किया गया है। वह स्पष्ट तौर पर जाली दिख रहा है।
नाजिर की सतर्कता से सामने आया मामला
बक्सर : जिला नाजिर कन्हैया कुमार की सतर्कता से इस घोटाले से गुरुवार को पर्दा उठा। गुरुवार को जब बैंक से फोन आया कि क्या किसी पंकज के नाम से 18 लाख रुपये निकासी का आदेश है। उन्होंने कहा ऐसा कोई चेक निर्गत नहीं हुआ है। मामले की जांच के लिए शहर के मेनरोड स्थित पीएनबी की मुख्य शाखा पहुंचे। जहां जांच में यह पता चला कि पंकज नाम के व्यक्ति का खाता बैंक आफ बडौदा में है। यह चेक उसी खाते में जमा किया गया है। जहां से क्लियरिंग के लिए यहां भेजा गया है। नाजिर की सतर्कता से 18 लाख रुपये तो बच ही गए। इस घोटाले से भी पर्दा उठ गया।
पिछले एक साल से कर रहा था निकासी
बक्सर : मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना की राशि पिछले अप्रैल माह से ही पंकज बैंक से निकला रहा था। इसकी भनक नजारत उप समाहर्ता को भी नहीं लगी। जो इस शाखा के प्रभारी हैं। बैंक वालों की माने तो इतनी बड़ी राशि दस बार में निकाली गयी है। पिछले एक साल से इसका सिलसिला चल रहा था। जिस खाते में राशि जमा थी। उसी के चेकबुक से यह खेल हो रहा था। जिसके कारण बैंक वालों ने इसमें पेंच नहीं फंसाया। निकासी पदाधिकारी के रुप में डीएम का हस्ताक्षर था। इस लिए कोई उसे रोकने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाया।
दागदार रहा है पंकज का कैरियर
बक्सर : पंकज सिंह मूल रुप ये उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर, ग्राम पृथ्वीपुर का निवासी है। यह फिलहाल वाराणसी में किराए पर रहता था। जब से उसकी तलाश शुरु हुई है। वह परिवार समेत फरार है। साथ ही उसने इस खाते की चेकबुक को भी गायब कर दिया है। पंकज के कार्यकाल की बात करें तो वह हमेशा से चर्चा में रहा है। चौसा व सिमरी प्रखंड में तैनाती के दौरान भी उसपर आरोप लगे। बावजूद इसके वह कभी जिला शस्त्र शाखा, परिवहन शाखा और जिला नजारत जैसे मलाइदार जगहों पर तैनात किया गया। यह प्रशासनिक भ्रष्टाचार का ही परिणाम है। इस मामले में डीएम से फोन पर संपर्क किया गया। पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
Ab kya hua hamare DM sahab to chup ho gye honge na pata nahi ESA ESA kitna bada khel ye sarkari adhikari khelte hai.sab ke sab chor hai.fark itna hai ki iska dikh gya aur koi apna ada badal ke chapal ki dukan nayabajar ya uski bagal ki dukan par pahuchwata hai..isne sidhe account me mangwaya ..Kuch log sabji ke jhola ke bahane apne aawash PR mangwate hai