बक्सर खबर : बिहार टाइगर के नाम से मशहुर आइपीएस अधिकारी रविकांत सिंह को उस दिन पूरे देश ने सलामी दी थी। 16 मई 1996 को आसाम के तीनसुकिया जिले में वे नक्सली हमले में मारे गए। हमें उनकी शहादत पर गर्व है। सिर्फ इस लिए नहीं कि वे बक्सर जिले के थे। इस लिए भी कि अपने सेवा काल में दो हजार से अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करने वाले वीर ने कर्तव्य निष्ठा की जो मिसाल पेश की। वह अपने आप में अद्वितीय है। इसकी वजह से नक्सल प्रभावित आसाम पुलिस ने उनको साथी बिहार टाइगर के नाम से पुकारते थे। उनकी बीसवीं पुण्य तिथि पर सोमवार को सिमरी प्रखंड के मझवारी गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्रामीणों के विशेष आग्रह पर उनके पिता व पूर्व प्रधानाध्यापक तारकेश्वर बाबू भी उपस्थित थे। उन्हें जिले के पुलिस कप्तान उपेन्द्र कुमार शर्मा ने सम्मानित किया। कप्तान ने कहा कि ऐसे वीर को श्रद्धांजलि अर्पित करना सौभाग्य की बात है। मैं यहां इस लिए नहीं आया कि यह आइपीएस से जुड़ा मामला है। मुझे यह जानकर फक्र हुआ कि मैं एक वीर और देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर देने वाले ईमानदार अधिकारी को नमन करने का मौका मिला। ऐसे कम वीरले पैदा होते हैं। जो कमाने के लिए नहीं देश की सेवा के लिए नौकरी करते हैं। अपने संबोधन में भाउक हुए कप्तान ने बताया कि मैने पहले टीटी की नौकरी की। मन ने पल रहे राष्ट्र सेवा के भाव ने बैठने नहीं दिया। जब मैने परीक्षा दी तो आइपीएस को चुना। बक्सर खबर को धन्यवाद करते हुए एसपी ने कहा कि मैं पिछले कुछ वर्षो से यहां हूं। पहली बार किसी ने ऐसा कार्यक्रम कराया है। उनके पिता तारकेश्वर सिंह ने कहा बचपन से ही बहुत होनहार था। देश के लिए शहीद हो गया, इसका मुझे गर्व है। युवा नेता विजय मिश्रा ने कहा कि अगली बार इसका आयोजन चन्द्रमा प्रसाद ट्रस्ट द्वारा कराया जाएगा। मझवारी गांव के रहने वाले युवा नेता चन्द्रकांत यादव ने कहा कि मुझे खुशी है। आज मैंने अच्छा काम किया, अपने बीच के वीर शहीद को याद करने का मौका मिला। इस दौरान प्रेम सागर कुमार, दीपक यादव, रोहित कुमार, गोपाल जी चौबे, विन्ध्याचल प्रसाद थानाध्यक्ष सिमरी, विरेन्द्र यादव, रमेश सिंह उपस्थित रहे। बक्सर खबर में आयोजन में मीडिया पाटनर की भूमिका अदा की।