बक्सर खबर : सरकारी महकमें में भ्रष्टाचार सर चढ़ कर बोल रहा है। यह बात हर आम और खास की जबान पर है। एक महिने के दौरान समाहरणालय में सहायक नाजिर द्वारा सवा करोड़ का घोटाला, अब बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सह जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सत्येन्द्र नारायण सिंह की गिरफ्तारी। इन घटनाओं ने सबके चेहरे पर कालिख पोत दी है। हर विभाग में इस तरह का खेल चल रहा है। यह बात चर्चा के केन्द्र में है। इन दो मामलों के बीच शहर के एक व्यवसायी ने भी डीडीसी पर आरोप लगाया था। यहां टेंडर के नाम पर भी कमाई का खेल होता है। वैसे लोगों को तरजीह दी जाती है जो साहब लोगों की सेवा करते हैं। इन सारे प्रपंच के बीच सच्चाई जो हो। पर बक्सर जिला इन दिनों खासी सोहरत बटोर रहा है। अपने आप को सभी इमानदार बताने वाले हैं। पर हमाम में सभ्ाी नंगे हैं। यह लोकोक्ति यहां सच साबित होती दिख रही है।
चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए सत्येन्द्र
बक्सर : बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सत्येन्द्र नारायण सिंह को सोलह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। गुरुवार को उन्हें निगरानी की टीम ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अभी पूरे मामले पर प्रशासन ने पर्दा डाल रखा है। वैसे सूत्रों ने बताया कि सत्येन्द्र युवा व तेज पदाधिकारी थे। उनको यहां के कुछ दलाल किस्म के लोगों ने हाल के दिनों में घेर रखा था। उनकी वजह से ऐसा हुआ। चौसा प्रखंड की किसी सेविका के चयन से जुड़ी जांच मामले में यह कार्रवाई हुई है। जिसके पति से वे बुधवार की शाम पचास हजार रुपये ले रहे थे। देने वाला पहले से निगरानी के संपर्क में था। इस लिए वह मोटी रकम लेकर पहुंचा।