बक्सर खबर : शिक्षा विभाग में हुए दो करोड़ दस लाख रुपये के घोटाले से पर्दा उठा गया है। बक्सर खबर ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यह सवाल भी उठाए थे। अगर सवा करोड़ हड़पने वाले कर्मचारी पर प्राथमिकी हो सकती है। तो सवा दो करोड़ हड़पने वाले क्यों बचे हैं। अंतत: इस घोटाले में शामिल आठ फर्जी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, पांच बैंक प्रबंधक, इस खेल में शामिल एनजीओ के बारह सदस्यों व कल्याण विभाग के प्रधान सहायक के विरुद्ध शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी संख्या 277 / 16 में एक्सीस बैंक, केनरा बैंक, सेन्ट्रल बैंक, विजया बैंक के तत्कालिन प्रबंधक, नवजीवन ग्रामीण विकास जन सेवा संस्थान एनजीओ व कल्याण विभाग के प्रधान लिपिक अवधेश कुमार सिंह को इसमें अभियुक्त बनाया गया है। बैंक प्रबंधकों पर यह आरोप है कि इन लोगों ने आठ फर्जी स्कूलों का अपने यहां खाता खोला। उनकी राशि की निकासी भी कर दी। जब इनसे संबंधित स्कूल के दस्तावेज मांगे गए तो किसी ने सहयोग नहीं किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी इसमें शामिल हैं। प्राथमिकी दर्ज होने से पूर्व डीएम ने अपने स्तर से इसकी विभागीय जांच करायी थी। जिसमें एनामुल हक सिद्दकी के नेतृत्व में तीन सदस्यों की टीम ने पूरे मामले की जांच की। रिपोर्ट आने के बाद दोषि लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। साथ ही कल्याण पदाधिकारी राकेश कुमार त्रिपाठी, विभाग के प्रधान लिपिक अवधेश कुमार व शिक्षा विभाग के लेखा व योजना पदाधिकारी रामनाथ राम से जवाब भी मांगा गया है।