बक्सर खबर : सच ही कहा है किसी ने, मौत वही जो दुनिया देखे। शहीद अनिल कुमार सिंह का शव मंगलवार की रात ढ़ाई बजे बक्सर पहुंचा। उनके अंतिम दर्शन से परिवार ही नहीं आस-पास से सभी लोग ललायीत दिखे। रात को जब शव डुमरांव पहुंचा तो पत्नी मीरा बेजान हो पत्थर की तरह उसे निहार रही थी। उसकी हालत खराब होते देख सीआरपीएफ की टीम शव को जिला मुख्यालय लेकर लौट आयी। बुधवार की सुबह सात बजे चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर उनको मुखाग्नी दी गयी। पंच तत्व में वीलीन होने से पूर्व डीएम रमण कुमार, एसपी उपेन्द्र शर्मा ने श्रद्धांजलि दी। साथ आयी सीआरपीएफ की टीम ने भी सलामी दी। एक सच्चे भारतीय के लिए इससे बड़ा गर्व क्या हो सकता है। उसका दम निकले तो अपनी मातृभूमि के लिए।
दो वर्ष के बेटे ने दी मुखाग्नि
बक्सर : उस समय सबकी आंखे नम हो गयी। जब अनिल सिंह के दो वर्षीय पुत्र अभिनव ने उन्हें मुखाग्नि दी। महज अट्ठाइस साल की उम्र में अनिल अपने पीछे बेटी आकांक्षा और पुत्र अभिनव को छोड़ गए हैं। बच्चा के जब उसके पिता के अंतिम दर्शन कराए गए तो वह दृश्य देख सबका मन भर आया। पास खड़े जिलाधिकारी रमण कुमार और एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा भी अपनी नजर नहीं जमा पाए। कलेजा दहला देने वाला मंजर देख वहां खड़े लोग भगवान से इस नन्हें बच्चे के लिए दुआ मांगने लगे।
परमेशपुर के बच्चे-बच्चे को है अनिल पर गर्व
बक्सर : शहीद अनिल सिंह नावानगर प्रखंड के परमेशरपुर गांव के रहने वाले थे। इनकी शादी वर्ष 2009 में मीरा के साथ हुई थी। उन्हें दो संतान है। बेटी बड़ी है जिसका नाम आकांक्षा है। पु़त्र अभिनव महज दो वर्ष का है।