बक्सर खबर : मानवता नीत शर्मशार हो रही है। शुक्रवार को सोलह वर्ष की रीना मरने को तैयार थी। ट्रेन के आगे आ कटने को तैयार मासूम को देखने वालों ने बचा लिया। घटना बक्सर स्टेशन के पास की है। उसे गोलाबाजार के एक व्यक्ति साथ ले आए। इसकी सूचना मीडिया वालों को दी। लड़की रो रही थी। बार-बार आग्रह करने पर उसने अपनी आप बीती सुनायी। उत्तर प्रदेश के जिला चंदौली, थाना धीना, ग्राम आलम खतेपुर की यह बच्ची घर से भागकर यहां पहुंची है। ट्रेन के आगे आ वह अपनी जान देना चाहती थी। क्योंकि उसके चाचा मनोज राम व चाची कुसुम देवी के अत्याचार से तंग आ चुकी है। सीएनबी के संवाददाता राजेश कुमार ने इसकी सूचना महिला थाने को दी। वहां से मदद मिली और चाइल्ड लाइन को बच्ची सुपुर्द कर दी गयी। इस बीच उसने बताया कि वह किश्मत की मारी है। चाचा के पास उसकी दो छोटी बहने हैं। आशा कुमारी 10 वर्ष व मधू कुमारी 8 वर्ष। उसकी मां सुनैना देवी की कुछ वर्ष पहले मौत हो गयी। पिता संजय राम उन्हें छोड़कर गुजरात में रहते हैं। घर में दादा-दादी हैं। पर वे भी उनकी सहायता करने की स्थिति नहीं हैं। इसकी सूचना चंदौली एसपी को फोन पर दी गयी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई होगी। संबंधित थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दी जा रही है। वे बच्ची को घर लाने और उसकी सुरक्षा के लिए ग्रामीण स्तर पर प्रयास करेंगे।