बक्सर खबर : जब पेट खाली हो तो लोग भरी बोतल की तरफ आशा भरी नजर से देखते हैं। मिल जाए तो पेट पूजा हो। पर यहां विडंबना ऐसी है कि खाली पेट बोतल तलाशने की हिम्मत तोड़ देता है। यह दर्द है बिहार और यूपी की सीमा पर तैनात होमगार्ड के जवानों का। जिन्हें उत्पाद विभाग के चेकपोस्ट पर लगाया गया है। न रहने इंतजाम न सोने के लिए चारपाई । इनके लिए टिन के डब्बे सा घर बना है। यही इनका आशियाना है। आधा दर्जन से अधिक सिपाही यहां ड्यूटी बजाने वाले हैं। इनका कहना है कि जुलाई माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण उनके सामने भूखो मरने की स्थिति है। उनके लिए जो कमरा बना है। वहां तो बिजली भी नहीं। गर्मी में वह बर्तन की तरह जलता है। पूरे दिन काम करना तनाव से भरा है। क्योंकि यहां अधिकारी भी समय से नहीं आते। कई-कई सप्ताह गुजर जाते हैं। उत्पाद विभाग वाले साहब लोग भी नियमित चेकिंग में शामिल नहीं होते। हमें समझ में नहीं आता क्या करें। अपना दर्द सुनाने वाले सिपाही कैमरे के सामने आने से डरते रहे। एक जन सामने आए। उन्होंने अपना नाम जयनाथ बताया। उसने स्पष्ट कहा बाबू हम मनुष्य हैं। हमारी भी जरुरतें हैं। इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।