बक्सर खबर : पंचकोशी परिक्रमा यात्रा दूसरे दिन नदांव पहुंची। इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों ने अपने स्तर से पुरी तैयारी की थी। गांव में साफ-सफाई और नर्व देश्वर महादेव मंदिर को भी चकाचक किया गया था। यहां मेलार्थियों ने नारद सरोवर में स्नान किया। नर्वदेश्वर मंदिर में जल भी चढ़ाया।
तालाब के आस-पास और गांव में जहां जगह मिली सभी ने प्रसाद बनाया और ग्रहण किया। पंचकोशी परिक्रमा समिति ने भी अपने तरफ से अच्छी तैयारी की थी। जिनके पास अपना बनाने का संसाधन नहीं था। उनके लिए भोज का आयोजन किया गया था। बसांव मठ के पीठाधीश्वर अच्यूत प्रपन्ना चार्य जी एवं कथावाचक रामनाथ ओझा जी आदि ने मिलकर मेले को जीवंत बनाने का प्रयास किया।
मेले में साधु रहे आकर्षण का केन्द्र
बक्सर : इस मेले में एक साधु ऐसे भी पहुंचे थे। जिनके पूरे शरीर पर भभूत लगी थी। बैठ गए थे आसन लगाकर। आने जाने वाले को आर्शीवाद देते बाबा को नोट बंदी के जमाने में सिक्कों से संतोष करना पड़ा। उनके सामने से गुजरने वाले श्रद्धा के अनुरुप दक्षिणा देते गए। उनके पास मुद्रा भी जमा हुयी और अन्न भी।
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