बक्सर खबर : पंचकोशी मेले का तीसरा पड़ाव सोमवार को भभुअर था। यहां भग्र्वेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं ने चूड़ा-दही का प्रसाद ग्रहण किया। पंचकोशी परिक्रमा समिति ने यहां श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की थी। रात को ढ़हरने वालों के लिए टेंट आदि का इंतजाम भी किया है। मेले के महत्व को बनाए रखने के लिए समिति में बसांव पीठाधीश्वर अच्यूत प्रपन्ना चार्य जी, लक्ष्मीनारायण मंदिर के महंत राजगोपाला त्यागी जी, सीता राम विवाह आश्रम के महंत राजाराम शरण जी महाराज, दामोदरा चार्य जी, रामनाथ ओझा जी आदि पद यात्रा लेकर भार्गवेश्वर तालाब की परिक्रमा की।
लक्ष्मण जी ने बनाया था यहां का तालाब
बक्सर : भार्गव ऋषि जी का आश्रम गंगा तट से काफी दूर था। जो गांव आ भभुअर के नाम से जाना जाता है। संत जन ऐसा बताते हैं। यहां पानी की कमी थी। जब भगवान राम यहां आए। तब ऋषि ने उनसे यह बात कही। इस वजह से चूड़ा-दही प्रसाद स्वरुप दिया। जिसे बनाने में पानी की आवश्यकता नहीं। भगवान की अनुमति के बाद उसी समय लक्ष्मण जी ने तीर चलाया और धरती से पानी की धारा फुट गयी। वहीं तालाब का निर्माण हो गया। श्रद्धालु इसमें स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं।