बक्सर खबर : महिलाओं का चरित्र जब खराब हो जाता है। तो वह किसी के साथ भी कुछ कर सकती हैं। ऐसे में विरोध करने की हत्या भी हो जाती है। चाहे व पति ही क्यों ने हो। नावानगर के कतिकनार गांव निवासी हरेराम पासी को उसकी पत्नी लालसा देवी ने ही मरवा दिया। हत्या के ग्यारह दिन बाद इसका खुलासा हुआ। बारहवें दिन पुलिस ने पीसी कर इसकी जानकारी मीडिया को दी। हत्या करने के आरोप में प्रेमी सुभाष ठाकुर ग्राम रामपुर थाना नावानगर व उसके सहयोगी लक्ष्मण पासी ग्राम कतिकनार को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया।
उनतीस को मिला था शव
बक्सर : हरेराम पासी पिता स्व. देव कुमार पाासी की हत्या संभवत: 28 नवम्बर की रात की गयी थी। वह घर से मोबाइल, टार्च व चादर लेकर खेत घुमने गया था। वापस नहीं लौटा। अगले दिन उसका शव केसठ-डुमरांव मार्ग पर नहर में पड़ा मिला। बहुत देर तक को शव की पहचान नहीं हुयी। अज्ञात शव की खबर सुन मृतक का भाई अनिरुद्ध पासी वहां पहुंचा। उसने पहचान की। उसी के बयान पर नावानगर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी दर्ज की। हत्यारे मृतक का मोबाइल भी साथ लेते गए थे। जिसको ट्रेस करती पुलिस उन तक पहुंच गयी।
लालसा के पहले पति की हुई थी मौत
बक्सर : लालसा मूल रुप से आरा जिला के पिरो की रहने वाली है। जहां उसकी पहली शादी हुयी थी। उस पति की भी संदेहास्पद मौत हो गयी थी। इस बीच कतिकनार निवासी हरेराम पासी की पहली पत्नी उसे छोड़कर चली गयी। परिवार वालों ने उसकी दूसरी शादी लालसा से कर दी। इस बीच उसका संबंध रामपुर निवासी सुभाष कुमार ठाकुर के साथ हो गया। वह इसके घर भी आने लगा। जिसका हरेराम ने विरोध किया। इन दोनों ने मिलकर हरेराम को रास्ते से हटाने की योजना बनायी। इस कार्य में कतिकनार के लक्ष्मण पासी ने उसका सहयोग किया। रात के अंधेरे में गला दबाकर उसे मारा और शव को केसठ नहर में ले जाकर फेंक दिया। अगर अपराधी मोबाइल नहीं ले जाते। तो शायद वे पकड़े नहीं जाते।
थानाध्यक्ष के पास नहीं था जवाब
बक्सर : नावानगर के थानाध्यक्ष राजीव रंजन से जब यह जानने के प्रयास किया गया। लालसा की पहली शादी कहां हुयी थी। उनके पास इसका जवाब नहीं था। उनकी दलील थी वह फरार है। अभी गिरफ्तारी नहीं हुयी। हत्या अभियुक्त की उम्र देखने से पचास वर्ष प्रतीत हो रही है। जबकि उसका सहयोग करने वाला नौजवान है। इनमें से लालसा का संबंध किससे था, लालसा की उम्र लगभग क्या होगी? इन प्रश्नों का जवाब थानाध्यक्ष के पास नहीं था। पुन. फोन पर उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।