बक्सर खबरः वाह रे राइट टू एजुकेशन बच्चों की भविष्य के आगे शिक्षकों की जान की कोई चिंता नही। यह युक्त वातंे मसर्हियां मध्यविद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार ने कही। प्रवीण ने कहा कि मारपीट से सहमे हम शिक्षकों ने मंगलवार को बीईओ डीईओ के कार्यालयों का चक्कर इंसाफ के लिए काटते रहे। परन्तु उल्टे हमे ही धमकाया गया कि अगर कल विद्यालय नही खोला तो सस्पेंड़ कर दिये जाओगे। मजबुरन आज हमें अपनी जान हथेली पर लेकर खोलना पड़ा। बक्सर खबर से बातचीत में प्रवीण ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस घटना के चार दिन बीत गये है। परन्तु सारे पदाधिकारियों को सूचना देने के बाद भी अभी-तक कोई भी बस्तु स्थिति जानने के लिए विद्याालय में नही आया है। ऐसा लगता लगता है जैसे शिक्षकों का कोई मां बाप नही है। जिसको जब जब मन करे आये कभी गाली दे किसी को मार दे । शिक्षक हर अपमान को सहन करते हुए पढ़ाते रहे।
क्या था मामला
बक्सर खबरः प्रवीण ने बताया कि पिछले छह माह से हाला यादव, मदन यादव तथा विनोद यादव एक विशेष महिला को रसोइया के बहाली के लिए दबाव बना रहे थे। जो किसी भी कैटेरिया को फुल-फील नही कर रही थी। साथ ग्रामीणों के अलावे शिक्षा समीति का भी विरोध था। उसी को लेकर शनिवार को पहुचें घुसते ही गाली-गलौज करते हुए काॅलर पकड़ ली। उसके बाद नही करने पर जान से मारने की धमकी देने लगे। जिसके बाद सभी शिक्षकों ने मिलकर थाने प्राथमिकी दर्ज कराई और डीएम से लेकर सभी पदाधिकारियों को सूचना दी गयी। दो दिन के छुट्टी के बाद जब कल हम इंसाफ के लिए विद्यायल में तालाबंदी कर बीईओ के पास पहुचे तो उल्टे हमें ही राइट टू एजुकेशन का सहारा लेकर धमकाने की आप सब पर कार्रवाई करेगें। नतीजा आज हम राइट टू एजुकेशन के तहत भय युक्त वातावरण महौल में पढ़ा रहे है।
तो पढाएंगे नहीं तो केवल घूमेंगे ! वेतन रोकिये सब का !???????