बक्सर खबर : बक्सर नगर परिषद के चुनाव ने साबित कर दिया है। जिले में किंग मेकर फिलहाल एक ही है। जिसकी छत्र छाया में माया देवी शुक्रवार को शहर की मुख्य पार्षद बन गई। कलतक घर में चौका बर्तन करने वाली माया को कहां पता था। वह शहर की प्रथम महिला बनेगी। नप चुनाव की तिथि घोषित होने तक वार्ड नंबर तीन में कौन उम्मीदवार होगा। यह लोगों को पता भी नहीं था। माया चुनाव लड़ी तो यह बात उसी समय चर्चा में आ गई। इसके पीछे कृष्णानंद उर्फ छोटे सिंह का हाथ है। नतीजा किसी ने उसके खिलाफ नामांकन करने की नहीं सोची। ले दे कर विरोध की राजनीति का पर्याय बने अखिलेश मुखिया की शहर पर एक प्रत्याशी मैदान में भी आया। लेकिन वह टीका नहीं। शहर में जिस दिन नप चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। उस दिन सबसे कम 20 प्रतिशत मत ही इस वार्ड में पड़े। माया चुनाव जीत गई।
उसी दिन यह तय हुआ। अति पिछड़ा के लिए आरक्षित मुख्य पार्षद की सीट पर उसे चुनाव लड़ाया जाएगा। वही हुआ भी। शहर के 34 पार्षदों में से 18 छोटे सिंह की पहल पर माया के समर्थन में आ गए। विपक्षी गुट के दो पार्षद जो कल तक अपने आप को बाहुबली का प्रतिद्वंदी बात रहे थे। वे चुनाव के दिन सदन में ही उपस्थित नहीं हुए। सदन में जो एक तरफ 18 दूसरी तरफ 14 पार्षद बैठे। लेकिन उनमें से भी दो ने क्रास वोटिंग की। नतीजा 18-12 के अंतर से माया देवी मुख्य पार्षद निर्वाचित हो गई। पिछले दो दशक से शहर पर जिस छोटे सिंह ने राज किया। उनका सिक्का इस चुनाव में भी चला। जिनको उन्होंने समर्थन दिया वही मुख्य पार्षद बनी। उन्हीं के समर्थक बबन सिंह उर्फ इन्द्रप्रताप सिंह उप मुख्य पार्षद बने। जश्न भले ही माया व अन्य पार्षद मना रहे थे। लेकिन असली जश्न तो छोटे सिंह के यहां मन रहा था।
जिनकी ताकत के आगे धनबल भी काम नहीं आया। विपक्षी खेमे ने पार्षदों को उनकी राशि उपलब्ध कराई। जितने विजयी खेमे ने नहीं दी थी। बावजूद इसके छोटे सिंह एक बार फिर अपनी सरकार बनाने में सफल रहे। बक्सर खबर ने उनसे संपर्क किया। जीत पर उनकी राय जाननी चाही। उन्होंने कहा यह डान व बाहुबली वाली बात बेकार है। हमने धन बल का प्रयोग भी नहीं किया। यहां के लोगों का हमें साथ मिला। यह जीत यहां के पार्षदों की है। मैं तो सिर्फ उनके साथ था जो मेरी मदद लेने आए थे।