बक्सर खबर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना अर्थात मनरेगा। ऐसी योजना है जिसमें मजदूर ही नहीं अधिकारी भी कमा रहे हैं। इसका सच बार-बार सामने आता रहा है। हालिया घटना क्रम इटाढ़ी प्रखंड का है। यहां की बिझौरा पंचायत में एक नहीं तीन योजनाओं में जबरदस्त लूट हुई है। यह मामला एक दो लाख का नहीं दस लाख से अधिक का हैं। जहां एक ही सड़क को दो योजना से बना दिखाकर रुपये की निकासी कर ली गई है। अर्थात एक योजना से काम हुआ। दूसरे योजना की राशि पचा ली गई। जो मनरेगा योजना के तहत निकाली गई है। सूचना के अधिकार से इसकी जांच में जुटे ग्रामीण धनपत प्रसाद ने यह तथ्य उजागर किया है।
उनके अनुसार पिथनपुरा गांव में काली स्थान से कामेश्वर यादव के घर तक पीसीसी के नाम पर लगभग पांच लाख रुपये, फिर उसी योजना को शिव मंदिर से दिनेश यादव के घर तक गली निर्माण पीसीसी दिखाकर 14 वित्त से पुन: राशि निकाली गई है। उनका आरोप है कि इस पूरे खेल में तत्कालीन पंचायत सेवक हरेन्द्र ओझा व पंचायत मुखिया शामिल हैं। इतना ही नहीं पंचायत के नेतपुर और जमुआंव गांव में दो आंगनबाड़ी केन्द्र के निर्माण की राशि भी निकाल ली गई है। यह योजनाएं वर्ष 015-16 की हैं। जब अधिकारियों ने उनकी आवाज नहीं सूनी। तो इसका आवेदन लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को सौंपा गया।
वहां से जांच के आदेश बीडीओ इटाढ़ी को मिले। लेकिन उन्होंने स्वयं जांच न करके प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को सौंप दी। एमओ ने जांच की खाना पूर्ति कर उसे लोक शिकायत कार्यालय भेज दिया। जिसे देख सुनवाई कर रहे अधिकारी ने वापस लौटा दिया। लूट के इस खेल में कौन-कौन लोग शामिल हैं। इससे जल्द ही पर्दा उठना शेष है। इस बीच यह सूचना मिली है तत्कालीन पंचायत सेवक का तबादला दूसरे पंचायत में हो गया है। बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता के बारे में बक्सर खबर ने इटाढ़ी बीडीओ तेज बहादुर सिंह से बात की। उन्होंने माना पंचायत में अनियमितता हुई है। आंगनबाड़ी केन्द्र की राशि का भी उपयोग नहीं हुआ। इसकी जांच रिपोर्ट जल्द ही लोक शिकायत को सौंपी जाएगी। वहां से जो निर्णय आएगा। उसके अनुरुप आगे की कार्रवाई होगी।