बक्सर खबर : अहिरौली गांव में प्रथम दिन पंचकोश का मेला लगा। अहिल्या मंदिर में सुबह से ही दर्शन-पूजन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सर्वाधिक संख्या महिला श्रद्धालुओं की रही। गंगा स्नान, दर्शन, भोजन बनाकर खाने का नजारा। हर जगह देखने को मिला। बक्सर के सारिमपुर से लेकर औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य रोड़ से यहां तक आने वालों की कतार लगी थी। गांव के लोगों ने तथा अहिरौली मठ द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यथा संभव इंतजाम किया गया था।
पहले पड़ाव का क्या है महत्व
बक्सर : अहिल्या मंदिर की कहानी भगवान राम से जुड़ी है। पति के श्राप से प्रभावित शीला बनी अहिल्या जी का उद्धार भगवान राम के चरण स्पर्श से त्रेता युग में यही हुआ था। गौतम ऋषि ने अहिल्या जी को श्राप देने के समय ही याचना करने पर यह बताया था। आने वाले समय में भगवान राम यहां आएंगे। जब उनके चरण रज से आपका संपर्क होगा। तो आपको इस श्राप से मुक्ति मिलेगी। भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम पंचकोश के प्रथम दिन अहिरौली ही आए थे। उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए लोग यहां इस तिथि को आते हैं। जिस तिथि को भगवान यहां आए थे।
खूब बिकती है जलेबी
बक्सर खबर : अहिरौली मेले में आने वाले श्रद्धालु यहां की बनी जलेबी भी खाते हैं। लोग ऐसा मानते हैं जो बनाकर खाए उसका विशेष महत्व है। लेकिन जो राह चलते आए हैं। उनको जलेबी जरुर खानी चाहिए। इस किवंदती के कारण यहां जलेबी खाने की परंपरा चल निकली है। मेले को देखते हुए पूर्व ही दुकानदार अपनी जगह सुरक्षित कर लेते हैं। जिनकी दुकानों पर खूब भीड़ लगती है।