बक्सर खबर : पुष्प वाटिका प्रसंग का अलौकिक नजारा देख लोग भाव विह्वल हो गए। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग बक्सर पहुंचते हैं । सीताराम विवाह महोत्सव में आने वाला प्रसंग मामा जी याद दिलाता है। जिसमें हर बार श्रीमननारायण दास जी माली बनते। समय के साथ यह प्रसंग इतना विख्यात हुआ कि मामा जी का नाम हभक्तमाली हो गया। इस लीला को देखने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन पहुंचे।
उनके अलावा पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय, प्रदीप राय समेत अनेक लोगों का आगमन हुआ। सभी ने देखा किस तरह बाल कुमार राम और जनक नंदिनी ने एक दूसरे को देखा और क्या संवाद हुआ। भारत वर्ष में सनातन परंपरा का निर्वाह करते हुए वह उत्सव आज भी मनाया जाता है। उनमें बक्सर प्रमुख है। हालांकि अब मामा जी के नहीं होने के कारण आश्रम के महंत राजाराम जी माली बन किरदार को निभाते हैं।