बक्सर खबर: राशि निकासी के बाद भी सिकरौल-घोंसारी पथ का निर्माण नही हो सका। आलम यह है इस तीन किलोमीटर सड़क पर जानवर भी चलने से कतराते है। क्योंकि सात साल पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। मिट्टी व गिट्टी डाला गया। उसके बाद राशि की बंदर बांट हुई ठिकेदार साहब भाग निकले। जिसके बाद समय के साथ बारीश ने सड़क से मिट्टी को बाहर कर दिया। अब सिर्फ गिट्टी ही बच्ची है जिससे इंसान तो इंसान जानवर भी चलने से कतराते है।
भैंस की तरह हो गये जनप्रतिनिधी
बक्सर खबर: गुरूवार सड़क निर्माण को लेकर बेलांव के ग्रामीणों सड़क पर भैंस लेकर विरोध प्रदर्शन किया। रिंकू पाण्डेय, अजय सिंह, बलिराम पाण्डेय, माया पाण्डेय, प्रभू पाण्डेय, रामधार पासवान, संजय टाइगर, विरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा, सरपंच रामजी शर्मा, ब्रजेश मिश्रा, साधू यादव, धीरेन्द्र यादव, रामनाथ यादव का मानना है कि हमारे जनप्रतिनिधी व सरकार भैस के समान हो गई है। उसे कुछ भी सुनाई नही देता आप कितना भी शोर मचाव। हमलोगों का तो कच्ची सड़क ही अच्छी थी बिना चप्पल के भी आदमी चलता था। परन्तु लूटेरों ने मिलकर ये हालत कर दिया कि हमारी तो पैदल चलना दुर जानवर भी नही चलते सड़को पर वह पगडंडी पकड़ लेते है। सरकार व जनप्रतिनिधी हमें जानवर से भी बदतर मानते है
बक्सर खबर: युवा नेता अजय पाण्डेय कहते है ग्रामीणों ने इस सड़क के लिए विधायक से लेकर सांसद तक आवदेन दिये परन्तु कोई सुनने वाला ही नही है। जब सड़क बन रही थी तो लोगों में आस जगी थी कि अजादी के छह दशक बाद भी हमारे गांव में सड़क होगी परन्तु लूट-खसोट ने तीन के लोगों का सपनों पर पानी फेर दिया। सांसद सह मत्री अश्वनी चैबे को भी कई बार लिख के दिया गया परन्तु अबतक ठंडे बस्ते है। अगर एक माह के अंदर कोई समाधान नही निकला तो ग्रामीण आंदोलन करेगे जनप्रति