बक्सर खबर : जिले में खुदरा बालू दुकानों के लिए अनुज्ञप्ति देने का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिन सात प्रखंडों के लिए लाटरी होनी थी। वह कार्य सोमवार की शाम पूरा हो गया। नगर भवन में बवाल हुआ तो प्रशासन ने कहा लाटरी नहीं होगी। लेकिन जैसे ही भीड़ छटी लाटरी की सूचना उन आवेदकों को फोन पर दी गई। जिनके आवेदन योग्य पाए गए थे। कुल 310 आवेदक आए। जिन्हें समाहरणालय के सभा कक्ष में बुलाया गया। कड़े पहरे के बीच देर शाम तक लाटरी की प्रक्रिया हुई। प्रत्येक प्रखंड में पंचायत की संख्या के आधार पर दुकानों का चयन किया गया है। इसके अलावा बक्सर एवं डुमरांव में नगरीय क्षे़त्र होने के कारण चार-चार दुकानें अतिरिक्त दी गई हैं।
प्रशासन पर लगा मनमानी का आरोप
बक्सर : बालू दुकान के लिए आवेदन करने वालों ने प्रशासन के समक्ष जमकर हंगामा किया। जिसका नतीजा रहा, नगर भवन में चल रही लाटरी की प्रक्रिया रोक दी गई। जिन 830 आवेदनों को अस्वीकृत किया गया था। उनमें से बहुत से लोगों ने सीधा आरोप लगाया। अधिकारियों ने सेटिंग का खेल-खेला है। इन आरोपों के बीच प्रशासन ने लाटरी की दूबारा प्रक्रिया शुरु की। जिसको लेकर हर तरह असंतोष देखा गया। क्योंकि समाहरणालय में किसी के भी प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी। अंदर लाटरी चल रही थी। बाहर बडी संख्या में पुलिस वाले तैनात थे। जो लोग बाहर थे। वे अधिकारियों को खरीखोटी सुना रहे थे।
चार प्रखंडों के लिए नहीं हुई लाटरी, रीक्त है स्थान
बक्सर : लाटरी प्रक्रिया के दौरान चार प्रखंड़ों को इससे अलग रखा गया। खनन पदाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह ने बताया। ब्रह्मपुर, नावानगर, चक्की और केसठ में योग आवेदन तय कोटे से कम थे। इस लिए लाटरी नहीं हुई। ब्रह्मपुर और नावानगर में तो अभी भी कुछ जगह रीक्त है। जिसे भरने के लिए आगे रणनीति बनेगी।
क्यों छटे इतनी संख्या में आवेदन
बक्सर : इतनी बड़ी संख्या में आवेदन क्यों अस्वीकृत हुए ? इस प्रश्न के जवाब में खनन पदाधिकारी ने कहा पांच तरह के कागजात आवेदन के साथ मांगे गए थे। अधिकांश लोगों ने आचरण प्रमाणपत्र की जगह आरटीपीएस काउंटर की रशीद लगाई थी। जिसे टास्क फोर्स ने उपयुक्त कागजात नहीं माना। इसके अलावा दूसरा कारण रहा शपथ पत्र। जिसमें लोगों ने यह लिखकर जमा किया था। मेरे उपर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है। इन कारणों से सर्वाधिक आवेदन छटे।