बक्सर खबरः मनुष्य रात-दिन महापाप करता है, यदि सच्चे मन से भागवत कथा सुने तो उसके पाप धूल जाएगें। वह उसी समय से सदाचारी व संस्कारी बनने लगेगा। ज्ञान व बुद्धि यानि सरस्वती को ब्रम्हा जी ने ही बनाया। इसलिए भागवत कथा का महत्व और बढ़ जाता है। युक्त बातें प्रखंड के अरक पंचायत में श्रीराम जानकी मंदिर के भूमी पूजन के दौरान जगतगुरू लक्ष्मीप्रन्न जीयर स्वामी जी ने कही। स्वामी जी ने कहा कि भामगवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है जिससे ज्ञान व बुद्धि दोनों मिलती है। भोग विलास व नास्तिक लोग मठ एवं मंदिरों में पहुंच गए हैं। इनसे संसार का कल्याण कभी नहीं होगा। उन्होंने महापाप करने वालों के कार्यो को विश्लेषण करते हुए बताया कि शराब पीना, मांस खाना, वेश्यावृति करना, मंदिर में चोरी करना, गाय को कसाई के हाथों बेचना, राष्ट्रद्रोह, गर्भ में शिशु को मारना ये सब महापाप की श्रेणी में आते हैं।
उन्होंने कहा कि सभी यदि भागवत कथा पढ़ने व सुनने लगे तो कोई महापाप नहीं करेगा। महापापी लोगों के कल्याणार्थ स्वामीजी ने कहा कि ऐसे लोग यदि संकल्प के साथ भागवत कथा पढ़ने व सुनने लगे तो उनके अंदर अच्छे संस्कार जन्म लेने लगेगा और वे दुसरे जन्म की विपदाओं से बच जाएगें। मंदिर में मूर्ति पूजा को स्वच्छ मन से करने की बात को सही माना। उन्होंने कहा कि कोई भी यदि पत्थर की मूर्ति को सच्चे मन से भगवान का रुप मानकर पूजा करता है तो उसकी पूजा स्वीकार हो जाती है। उन्होंने कहा कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए आपको कहीं जाना नहीं है, स्वामीजी ने केवल भागवत कथा सुनने, पढ़ने ,गाय की सेवा करने तथा तुलसी के पौधा लगाने व उसके सींचने से ही प्रभू प्रसन्न हो जाते हैं।