लिट्टी-चोखा का कमाल, गुजरात में खिला कमल

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बक्सर खबरः गुजरात चुनाव में भाजपा की जीत के कई कारण हैं। उनमें से एक है बिहार का लिट्टी-चोखा। चुनाव में लिट्टी-चोखा का क्या योगदान? यह प्रश्न हर व्यक्ति के मन में उठ रहा होगा। लेकिन इसके पीछे रोचक कहानी है। गुजरात चुनाव के लिए भाजपा ने जो रणनीति बनाई। उसके तहत शाहाबाद जिले से कुछ कार्यकर्ता वहां भेजें गए। बक्सर से पंचायती राज के प्रदेश संयोजक ओमप्रकाश भुवन। आरा से कैलाश विद्यार्थी और सासाराम से सुशील कुमार। सभी को अलग-अलग क्षेत्र में लगाया गया। बक्सर के भुवन ने एक परिपाटी शुरू की। उनका दायित्व सूरत जिले में प्रवासियों से संपर्क करना था। जहां जाते वहां दिन में जनसंपर्क रात में भोज। भोज बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी-चोखा का। पिछले एक वर्ष में इन नेताओं ने कई दौरे किए। जमीन तैयार हुई तो भोज शुरू हुआ। चुनाव का परिणाम सामने आया तो पता चला। सूरत की नौ शहरी और सात ग्रामीण सीटों में से 15 पर भाजपा उम्मीदवार जीत गए हैं। 16 में से 15 पर मिली विजय ने भूवन को गदगद कर दिया। वे यह समझ नहीं पा रहे हैं जीत का श्रेय किसे दें। स्वयं को या लिट्टी-चोखा को। यह खबर गुजराती मीडिया के हाथ भी लगी।

गुजरात की खबर एवं भुवन की फाइल फोटो

बक्सर खबर के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए वे बोले चुनाव में दो फैक्टर महत्वपूर्ण थे। विकास व प्रधानमंत्री पर जनता का विश्वास। भाजपा कमजोर और कांग्रेस मजबूत, इसका क्या है? उन्होंने कहा संपूर्ण विपक्ष एक साथ था। ऐसे में यह बहुत बड़ी बात नहीं।

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