बक्सर खबर: वैदिक परंपरा में जनवरी से नहीं बल्कि चैत्र नवरात्र से नव वर्ष की शुरुआत होती है। ज्योतिषाचार्य नरोत्तम द्विवेदी के अनुसार सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रम संवत का पहला दिन प्रारंभ होता है।
-विक्रमादित्य ने राजा महाकाल की नगरी उज्जैन में संवत पर्व शिप्रा नदी के तट पर मनाया था।
-इसी दिन लगभग 1960853119 पूर्व ईश्वर ने सूर्योदय के साथ सृष्टि की रचना की थी।
-प्रभु श्रीराम का राज्यभिषेक इसी दिन हुआ था।
-स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की थी।
-युद्धिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
18 वर्ष बाद बन रहा ऐसा संयोग
इस बार सूर्य, बुध, चंद्रमा मीन लग्न में उच्च का शुक्र होने के कारण मालव्य नामक योग बन रहा है। यह योग ज्योतिष गणना के अनुसार 18 वर्ष बाद बन रहा है। इस योग के बनने से सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य के लिए यह योग बहुत ही अच्छा है। सूर्य के राजा और शनि के मंत्री होने से देश उन्नति करेगा। जिनकी कुंडली में सूर्य, शुक्र और शनि अच्छा नहीं हैं उन्हें नवरात्र में माता का पाठ कराना चाहिए।