दवा के खेल में दो छूटे चार को जेल

0
1182

बक्सर खबर। नकली दवा बेचने के आरोप में पकड़े गए छह लोगों में से दो को छोड़ दिया गया है। क्योंकि वे कारोबारी नहीं दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी थे। बुधवार को शहर के चंदन फार्मा, केशरी ड्रग व देवी फार्मा के ठिकानों छापा पड़ा था। पटना से आयी ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्रा. लि. की टीम ने इस मामले में प्राथमिक दर्ज कराई है। हिरासत में लिए गए चंदन केशरी, दीपक अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल एवं अभिषेक केशरी को गुरुवार के दिन जेल भेज दिया गया।

अन्य दो श्रीमननारायण व आकिश केशरी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। ब्रांड प्रोटेक्शन की टीम ने बताया उन्हें बीन मेडिकेयर के असली एवं नकली दवाओं के जांच का अधिकार प्राप्त है। प्रोटेक्शन कंपनी के निदेशक मुस्तफा हुसैन के निर्देश पर यह टीम यहां आई थी। पुलिस ने बताया इनके खिलाफ नकली दवा बेचने, कापी राइट एक्ट एवं आइपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

add

नकली नहीं है दवाएं
बक्सर। जो दुकानदार इस आरोप में पकड़े गए हैं। उनका कहना है हमारी दवाएं नकली नहीं हैं। कुछ कंपनियों का प्रोडक्ट बंद हो गया है। लेकिन जो दवाएं हमारे यहां मिली हैं। वह असली हैं या नहीं यह तो लैब की जांच रिपोर्ट के बाद ही सत्य साबित होगा। किसी के कह देने मात्र से सारी बातें सच नहीं हो जाती। हम दवाएं खरीद कर लाते हैं। हालाकि उन दवाओं की रशीद कहां है? ऐसा पूछने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
सात वर्ष की हो सकती है सजा
बक्सर। इन धाराओं के बारे में पूछने पर न्यायिक सूत्रों ने बताया इन धाराओं में कम से कम सात वर्ष की सजा का प्रावधान है। अगर जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए तो इन्हें जुर्माना के साथ कारावास की सजा हो सकती है।
खुदरा कारोबारियों पर भी है नजर
बक्सर। जिन दुकानों पर नकली दवा बेचने का आरोप लगा है। उनके यहां से खरीद करने वाले छोटे दुकानदारों की सूची ब्रांड प्रोटेक्शन कंपनी बना रही है। कहां-कहां उसे बेचा गया है। अथवा जिले में कितने स्थानों पर ऐसी दवाएं बिक रहीं है। इसकी शिनाख्त जारी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here