बक्सर खबर। स्थानीय सांसद अश्विनी चौबे अब मंत्री हो गए हैं। उनके सामने अगर कोई विरोध की हिमाकत करे तो उन्हें अपनी शान के खिलाफ लगता है। सोमवार की सुबह जब रामजी सिंह व अन्य युवाओं ने प्रदर्शन किया तो वे भड़क गए। राजनीति कर रहे हो। बड़े नेता हो गए हो। हालाकि उन्होंने अपने आप को इस दौरान संभाला भी। चलो उठो कुर्सी पर बैठो।
अपनी बात हमें बताओं। यह कहते हुए उन्होंने प्रदर्शन कारियों से उनके पोस्टर भी लिए। जिन पर नारे लिखे हुए थे। इस बीच वहां पहुंचे कुछ मीडिया के लोग तस्वीर लेने लगे। कुछ वीडियो भी बना रहे थे। दुबारा वे मीडिया पर भड़क गए। सबको कैमरा बंद करने के लिए बोलने लगे। मीडिया में हो तो क्या गवर्नर बन गए हो। कहां से आए हो यही के रहने वाले हो। उनके इतना कहते ही वहां मौजूद उनके लोगों ने मीडिया के लोगों को कैमरा बंद करने के लिए मजबूर कर दिया।
उनका यह तरीका बहुत लोगों को नागवार गुजरा। लेकिन, बात बहुत ज्यादा न बढ़ जाए। इसका ख्याल रखते हुए पत्रकारों ने भी संयम बरता। उधर प्रदर्शनकारी भी संभल चुके थे। वे भी नहीं चाहते थे कि जिस समस्या को लेकर वे आम जन का भला करना चाहते हैं। उसकी बदहाली का ठिकरा भी उनके उपर न फूटे। इस लिए बात आई-गई हो गई। लेकिन, किसी ने सच ही कहा है बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। सांसद सह स्वास्थ्य राज्य मंत्री के इस बयान की चर्चा बाजार में जोर-शोर हो रही है।