भोजपुरी के लाज बचावे खातिर बक्सर के माटी से निकलल अंखुआ

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बक्सर खबर। भोजपुरी भाषा को आज के गीतकार अश्लील बनाते जा रहे हैं। जिसे जहां मौका मिल रहा है। इसकी मर्यादा को तार-तार कर रहा है। इस माहौल को बदलने की जरुरत है। नेक प्रयास को प्रभावी बनाने के लिए उन सभी लोगों को आगे आना होगा। जिन्हें इस भाषा से लगाव है। शनिवार को बक्सर में इस वाजिब चिंता पर विमर्श के लिए साहित्य जगत और भोजपुरी से जुड़े लोगों की बैठक बुलायी गयी। जिसमें बलियां से चलकर आए मशहूर साहित्यकार व गीतकार तारकेश्वर मिश्रा राही भी पहुंचे। उनकी अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ।

समागत लोगों ने विमर्श के बाद अंखुआ संगठन की नींव रखी। जो अपनी भाषा की मर्यादा को बचाने के लिए संघर्ष करेगी। संस्था के कई होनहार युवा व समाजसेवी जुड़े हैं। जो इस अभियान में लगेंगे। बैठक में गायक व नायक गोपाल राय, मशहूर उद्घघोषक विजय बहादुर, पत्रकार पकंज भारद्वाज, आशुतोष दुबे, ओपी पांडेय, राजीव कुमार रंजन, राघवेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, सूरज कांत पांडेय, अंकित शर्मा, अजीत सिंह, सराफत हुसैन, जितेन्द्र कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

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