बक्सर खबर। परिवार हो या समाज उसके बीच कौन जहर घोल रहा है। नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट और आधुनिकता की चकाचौंध इसको और बढ़ावा दे रही है। पिछले चौबीस घंटे के दौरान सदर अनुमंडल में दो ऐसी घटनाएं हुई। जिन्होंने गांव और परिवार दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है । पहली घटना औद्योगिक थाना के दलसागर गांव में शनिवार को हुई। वहां कमलेश ठाकुर के चौदह वर्षीय पुत्र ने फांसी लगा जीवन लीला समाप्त कर ली। हालाकि परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। क्योंकि परिवार वालों ने देखा उनके पुत्र ने स्वयं ऐसी हरकत की है।
रविवार को इसी तरह की घटना इटाढ़ी थाना के बसुधर गांव में हुई। घर वाले धान की रोपनी करने गए थे। घर में बूटन यादव की 14 वर्षीय बेटी थी। उसने कमरा अंदर से बंद किया और फंदे पर झूल गई। आस-पड़ोस के लोगों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने परिजनों को सूचना दी। पुलिस को बुलाया गया। उसके पिता ने पुलिस को लिखित आवेदन देते हुए कहा कि हमारी बेटी गुडिय़ा ने स्वयं ऐसा किया है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। पुलिस ने यूडी केस दर्ज कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाश परिजनों को सौंप दी गई। इन दो अलग-अलग घटनाओं ने जहां परिवार को मर्माहत किया है। वहीं युवाओं की बदलती सोच भी खतरे का संकेत दे रही है।