बक्सर खबर। हमारे पास सिर्फ आंसू की दो बूंदे हैं। भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी को याद करने के लिए। यह कहते हुए बक्सर पत्रकार संघ के सदस्यों ने आज गुरुवार को उन्हें याद किया। उनकी एक रचना आज बरबस याद आ रही है। जिसे पत्रकार साथी पंकज ने याद दिलाया। भरी दुपहरी में अधियारा, सूरज परछाई से हारा…। यह कविता अटल जी की है। जो अब हमारे बीच से विदा हो चुके हैं। उन्होंने लोकसभा में प्रधानमंत्री रहते कहा था। मैं पहले पत्रकार था। आज की राजनीति मुझे रास नहीं आती। लेकिन, क्या करें राजनीति हमें छोड़ती भी नहीं।
उनके यह कथन आज भी याद आते हैं। जीवन पर्यंत आदर्शवादी राजनीति करने वाले अटल जी को हर सच्चा पत्रकार याद करेगा। जो गांव से चलकर देश के शीर्ष तक पहुंचे। शोक व्यक्त करने वालों में संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ओंकार मिश्रा, केके उपाध्याय, प्रमोद चौबे, धीरज वर्मा, धर्मेन्द्र पाठक, महासचिव मुस्ताक हुसैन बंटी व अविनाश उपाध्याय मौजूद थे। वहीं संरक्षक रामएकबाल ठाकुर व बबलू उपाध्याय ने कहा आदर्शवादी नेता क्या होता है। यह कोई अटल जी से प्रेरणा ले। आजीवन उन्होंने अपने उपर दाग नहीं लगने दिया। आज देश के लोगों में उनके प्रति सम्मान है। यह उनके महान नेता होने का सबसे बड़ा प्रमाण है।