बक्सर खबर। आज पुराना सदर अस्पताल गुलजार था। क्योंकि शहरी प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्र उद्घाटन को तैयार था। कार्यक्रम देर शाम सात बजे के लगभग शुरू हुआ। सदर विधायक संजय तिवारी आदि पहले से मौजूद थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पहुंचे तो अस्पताल का उद्घाटन दीप जलाकर किया गया। मंत्री मंच तक आए और सभी लोगों ने आसन ग्रहण किया। फिर शुरू हुई राजनीति। अस्पताल केन्द्रीय आशुष प्रोगाम के तहत बना है।
इस लिए मंत्री अश्विनी चौबे ने उसका श्रेय स्वभाविक तौर पर लिया। दर्शक दीर्घा में बैठे दिलीप वर्मा को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा विधायक की देन है यह अस्पताल। यह सुनते ही भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया। बात बढ़ी तो मंच पर विधायक ने भी कुछ कहा। वहां बैठे भाजपा जिलाध्यक्ष ने उसका विरोध किया। लेकिन फसाद बढ़ता गया। मामला तोर-मोर तक पहुंच गया। मौके पर पहले से सदर एसडीओ गौतम कुमार व डीएसपी सतीश कुमार उपस्थित थे।
लेकिन कोई क्या करे, सामने जो लोग भीड़े हैं वे आम जन तो हैं नहीं। जनता के चुने हुए सम्मानित प्रतिनिधि हैं। उन्हें कौन जबरन चुप कराए। मामला बिगड़ते देख मंत्री वहां से पहले निकल लिए। वहीं एसडीओ आग्रह पूर्वक सदर विधायक को समझाते हुए साथ ले गए। इस दौरान भाजपा ने प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया। क्योंकि इस तरह का उपद्रव कुछ लोग करेंगे।
इसकी सूचना उनके द्वारा पूर्व में प्रशासन को दी गई थी। लेकिन यहां का तो नजारा ही कुछ और हो गया। बहुत से लोग तो वहां से भाग लिए। विरोध करने वाले नरेन्द्र मोदी व अश्विनी चौबे के खिलाफ नारे भी लगा रहे थे। नजारा कुल मिलाकर अभद्रता की सीमा तक पहुंच गया था। लेकिन मंत्री ने स्वयं वहां से निकलकर मामले को एक तरफा शांत करने का प्रयास किया। लोग चले गए तो स्वभाविक रुप से मौके पर शांती छा गई। लेकिन, राजनीति का खेल देख लोग यह जान गए बक्सर में कैसे-कैसे नेता मौजूद हैं।
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