बक्सर खबर। जिस अस्पताल को लेकर सदर विधायक और मंत्री अश्विनी चौबे उद्घाटन के दौरान ही आमने-सामने आ गए थे। वह अस्पताल अगले ही दिन बंद देखा गया। दिन में तो कभी-कभार इक्का-दुक्का लोग दिखे। लेकिन शाम होते ही वहां वीरानी पसर गई। मीडिया की टीम वहां पहुंची तो बाहर लगा शीशे का दरवाजा बंद दिखा। धक्का देने पर वह खुल गया। अंदर पूरा अस्पताल खाली था। कमरों पर ताले लटक रहे थे। पूरे अस्पताल में कोई देखरेख करने वाला भी नहीं था।
आस-पास के लोगों ने बताया यहां जेनरेटर वगैरह भी नहीं है। बिजली चली गई तो फिर अंधेरा ही अंधेरा। जैसा की एक दिन पहले बताया गया था। यह अस्पताल चौबीस घंटे काम करेगा। आपातकाल की सुविधा भी यहां उपलब्ध है। लेकिन आज ऐसा कुछ भी नहीं दिखा।
जबकि सदर विधायक ने दावा किया था। डेढ़ माह पहले ही मैने इसका उद्घाटन किया था। आखिर जो अस्पताल डेढ़ माह से चल रहा था। वह एकदम से सुनसान कैसे हो गया। यह जानने के लिए हमने सिविल सर्जन को कई बार फोन लगाया। लेकिन उनका फोन सरकारी है। शायद इस वजह से लगा नहीं। सदर विधायक के नंबर पर भी संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन, काल फारवर्ड होती रही। कहीं यह अस्पताल शुरू होने के साथ ही राजनीति की भेट तो नहीं चढ़ गया। कल हम फिर इसकी पड़ताल करने का प्रयास करेंगे। तब तक आप यह वीडियो देख स्वयं अनुमान लगा सकते हैं।