बक्सर खबर। सितम्बर की 15 तारीख को शहर के बीचो-बीच पुराना अस्पताल में वेलनेस सेंटर खुला था। उसका उद्धाटन करने पहुंचे केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे एवं सदर विधायक संजय तिवारी के समर्थकों में उसी दिन विवाद हो गया। नतीजा यह रहा कि अगले ही दिन अस्पताल गए मरीजों को निराश हो वापस लौटना पड़ा। क्योंकि अस्पताल बंद था और कोई कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था। इस परेशानी का सामने करने वाली किरण जायसवाल ने सांसद सह मंत्री, सदर विधायक और सिविल सर्जन के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है।
आज बुधवार को न्यायालय परिसर में इसको लेकर काफी चर्चा रही। क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय, सर्वोच्च न्यायालय आदि जगहों पर रजिस्टर्ड डाक भेजने के बाद यह परिवार दायर हो पाया। जिसका नंबर 1036 है। अधिवक्ता राजीव कुमार राय ने बक्सर खबर को बताया कि शिकायत कर्ता का कहना है मैं पेट दर्द की तकलीफ के साथ 16 सितम्बर की रात वेलनेस सेंटर पहुंची,वह बंद मिला। आस-पास पूछने पर कुछ लोगों ने बताया राजनीतिक विवाद के कारण यह बंद हो गया है।
इसके लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए। सारे संदर्भ को ध्यान में रखकर न्यायालय ने इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी है। सूत्रों ने बताया कि इस मुकदमें में गवाह के तौर पर शहर के पीपी रोड की रहने वाली किरण ने सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह को गवाह बनाया है। तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। उनमें सांसद अश्विनी चौबे, रानी रोड भागलपुर, संजय तिवारी कोरानसराय व सिविल सर्जन किरनलाल का नाम शामिल है।