बक्सर खबर। संपति के लोभ में लोग क्या-क्या नहीं करते। कोई अपने भाई को मृत साबित कर देता है। कोई उसे नावल्द बता संपति हड़प लेता है। ऐसा अक्सर होता है, पर कानून को जानने वाले ऐसा करें तो आश्चर्य तो जरुर होता है। ऐसा ही मामला नगर के थाना रोड का आया है। स्व. जयराम मिश्रा के पुत्र मुरली मनोहर मिश्रा ने इसकी प्राथमिकी नगर थाने में एक दिन पहले दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि चाचा सीयाराम मिश्रा ने उनके पिता को नावल्द घोषित कर संपति अपने नाम करा ली है। इतना ही नहीं थाना रोड में स्थित घर भी बेच दिया है।
वे स्वयं नया बाजार के केके मंडल स्थित महिला कालेज के पास रहते हैं। मैं वहां इसकी शिकायत लेकर पहुंचा तो मेरे साथ अभद्रता भी हुई। शिकायत कर्ता मुरली के अनुसार पिता जयराम मिश्रा दो भाई थे। उनका निधन 15 अक्टूबर 1989 को हो गया। हमारा परिवार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला अंतर्गत चांदपुर गांव चला गया। हम लोग वहीं रह रहे थे। इस बीच चाचा ने झूठा शपथपत्र बनवाया। जिसमें कहा गया कि जयराम मिश्रा नावल्द ही मर गए। इस लिए उनकी संपति मेरे नाम की जाए। इस आधार पर 2010 में खेत अपने नाम करा लिया। इस बीच 28.3.18 को उन्होंने थाना रोड स्थित घर भी बेच दिया है। मुरली के अनुसार वे अपनी पिता की संतान हैं। उनके भी तीन पुत्र है। इस सबको झूठ साबित कर दिया गया। पुलिस की शिकायत में पीडि़त ने अपनी वंशावली और जमीन के खरीद बिक्री में इस्तेमाल किया गया झूठा शपथपत्र भी प्रस्तुत किया है। जिसके कारण वकील साहब पर शिकंजा कश गया है।