जिले के सैनिकों की नाराजगी राजग को पड़ेगी भारी

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बक्सर खबर। क्या जिले के सैनिक सीमा पर पहरा नहीं देते? क्या वे दुश्मनों की बंदूक से निकली गोलियां नहीं खाते? ये सवाल जिले के एक पूर्व सैनिक के हैं। जवाब नहीं सुझ रहा। गनीमत रही कि सवाल पूछने वाले सैनिक ने ही जवाब देते हुए कहा, हम सीमा की सुरक्षा के लिए पहरा भी देते हैं और गोली भी खाते हैं। तो फिर ये सवाल क्यों?

सवाल इसलिए कि जिले के सैनिकों और पूर्व सैनिकों के साथ प्रदेश सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। यह कहना है कि सैनिक संघ बक्सर के उपाध्यक्ष विद्यासागर चौबे का। वह कहते हैं इस बार के चुनाव में राजग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वह आगे कहते हैं, राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र की सुरक्षा का ढिंढोरा पीटने वाली राजग सरकार का ही प्रदेश में शासन है, लेकिन इस सरकार की कथनी और करनी में फर्क तब समझ में आता है, जब हमारी उचित मांगों को भी इसके द्वारा नकार दिया जाता है। वह कहते हैं, आने वाले लोकसभा चुनाव में राजग को सैनिकों की यह नाराजगी भारी पड़ने वाली है। जिले भर के सैनिक और पूर्व सैनिक चुनाव में इस सरकार का विरोध करेंगे। इंडियन एक्स सर्विस मैन मूवमेंट के चेयरमैन पूर्व मेजर जनरल सतवीर सिंह ने यहां के सैनिकों की मांगों का समर्थन किया है। साथ ही हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल, जिले के सैनिक और पूर्व सैनिक मिलिट्री कैंटीन, सोल्जर बोर्ड और अस्पताल के लिए वर्षों से शहर में जीमन की मांग कर रहे हैं। इनका तर्क है कि बगल के भोजपुर जिले के सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए आरा में एक ही परिसर में तीनों को संचालित किया जा रहा, लेकिन यहां वर्षों से सैनिकों की मांग पर सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। फिलवक्त में सैनिकों के स्वयं के प्रयास से धोबीघाट में एक अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें 24 हजार रुपये किराये पर खर्च करना पड़ता है। वहीं कैन्टीन के आभाव में बहुत से वृद्ध सैनिक दानापुर नही जा पाते। इसलिए उन्हें कैंटीन की सुविधा नहीं मिल पा रही। शराबबंदी को लेकर भी सैनिकों में गुस्सा है। उनका कहना है कि गुजरात , हरियाणा जैसे राज्यों में पूर्ण मद्य निषेध के बावजूद सैनिकों को शराब की छूट मिली हुई है, लेकिन यहां अलग कानून चलाया जा रहा। संघ के उपाध्यक्ष का कहना है कि जिला के माननीय सांसद और चारों बिधायक से जमीन की मांगें रखी गई है लेकिन सभी झूठे वादे करते रहे। जिले के सैनिक और पूर्व सैनिक आगामी चुनाव में राजग सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरे जिले में अभियान चलाएंगे।

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