जाति के नाम पर देश को बांटने की साजिश : संघ

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बक्सर खबर। धर्म और संस्कृति से राष्ट्र का उत्थान होता है। यह प्रमाणिक है। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं। जो जाति के नाम पर इस देश को बांट रहे हैं। आज संविधान में 1100 जातियां और उससे कहीं ज्यादा उप जातियां है। हमारी संस्कृति ने समाज को चलाने के लिए वर्ण व्यवस्था दी थी। वह भी सिर्फ चार, वह जाति का बंटवारा नहीं वर्ण व्यवस्था थी। लेकिन वर्तमान समय में भारत के अंदर बाहरी ताकते लोगों को बांटने में लगी हैं। इस देश पर अंग्रेजों से पहले अनेक शासकों ने राज किया। उन्होंने इस धर्म को मिटाने का प्रयास किया। जब अंग्रेज आए तो उन्होंने देश की अखंड़ता को कमजोर करने के लिए सिड्यूल कास्ट के नाम का जहर फैलाया। हिंदू धर्म बंटने लगा, आज तो स्थिति और विकट है। हमको-आपको और सभी को इसके बारे में सोचना चाहिए। यह बातें राष्ट्रीय स्वयं संघ के प्रचारक व प्रज्ञा प्रवाह से जुड़े रामाशीष सिंह ने आज रविवार को बक्सर में कहीं।

राष्ट्र की अवधारणा विषय पर आयोजित गोष्ठी को वे संबोधित करने पहुंचे थे। माडल थाना के समीप कला भवन में कार्यक्रम आयोजित था। भोला शंकर बंधू की स्मृति में तृतीय वर्ष कार्यक्रम आयोजित था । कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक डा. स्वामीनाथ तिवारी और उद्घाटन सीताराम विवाह आश्रम के महंत राजाराम शरण दास ही महाराज ने किया। मौके पर प्रांत कार्यवाह राजेन्द्र, डा. रामनाथ ओझा, जिला संघ चालक रावकील राय, बिक्रमगंज के पूर्व विधायक राजेश्वर राज, विमल कुमार सिंह, चंदन कुमार, माधव चन्द्र श्रीवास्तव, जीउमुनी उपाध्याय, परशुराम चतुर्वेदी, विश्वनाथ राम, निक्कू तिवारी आदि अनेक लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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