पंचायत में लाखों का गबन, मुखिया को पदच्युत करने का निर्देश

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-जांच में मिले दोषी लोगों से 12 लाख वसूली के आदेश
-डीएम के आदेश के बाद भी नहीं हुई प्राथमिकी
बक्सर खबर। ब्रह्मपुर प्रखंड के गहौना पंचायत में भारी लूट खसोट का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत करने वाले देवकुली गांव के विनय कुमार दुबे ने तीस लाख रुपये गबन का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत उन्होंने यहां लोक शिकायत विभाग में की थी। जांच हुई तो लगभग 12 योजनाओं में अनियमितता मिली। मनरेगा द्वारा हुए कार्य में धांधली में मुखिया और पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की बात हुई। लेकिन, समय रहते कार्रवाई नहीं हुई। आवेदन कर्ता ने द्वितीय अपील दायर की। प्रधानसचिव ग्रामीण विकास विभाग के यहां इसकी सुनवायी चली।

जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई। जांच मे रिपोर्ट के आधार पर यह निर्देश दिया गया कि दोषियों से गबन की राशि वसूल हो। 12 लाख रुपये के गबन में अलावा एक योजना ऐसी मिली। जिसमें बगैर काम कराए पांच लाख रुपये निकाल लिया गया था। शिकायत कर्ता ने आवेदन दिया तो इसकी जांच हुई। पता चला देवकुली गांव में जिला पार्षद परमा यादव ने मुख्यमंत्री टोला संपर्क योजना के तहत पीसीसी कार्य कराया था। उसी को दिखाकर पीसीसी के नाम पर 14 वें वित्त की योजना के नाम पर पांच लाख रुपये निकाल लिए गए हैं।

यह आरोप सिद्ध हुआ तो ग्रामीण विकास के प्रधानसचिव ने मुखिया को पदच्युत करने का आदेश दिया। साथ ही पूर्व से मनरेगा के छह कर्मियों से वसूली के आदेश थे। पत्र प्राप्त होने के बाद 11 जुलाई को जिलाधिकारी ने ग्राम सेवक शिवशंकर पांडेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश उप विकास आयुक्त को दिया। निर्देश में तत्काल कार्रवाई का उल्लेख था। लेकिन दस दिन का समय गुजर जाने के बाद भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है। सूचना के अनुसार गहौना पंचायत की मुखिया उमरावती देवी के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। उम्मीद है जिला प्रशासन इससे भी जल्द पर्दा उठाएगा।

1 COMMENT

  1. अभी तो ये एक पंचायत की बात है, 141 पंचायतें बाकी हैं। साथ ही मुखियों को किसानों का काम लघु सिंचाई के लिए भी कल ही प्रशासन दबाव देकर मिटिंग किया था। गबन करने के लिए अवसर तो प्रशासन ही दे रहा है।

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