बक्सर खबर। एटीएम बदलकर लोगों को ठगने वाले दो युवकों की शुक्रवार को शामत आ गई। जिसको उन्होंने ठगा। वह उनकी चालाकी भांप गया। वह उनकी तरफ लपका तो वे भाग निकले। पीड़ित युवकों ने पीछा शुरू किया। भागते ठगों की किश्मत खराब थी। वे स्टेशन से भागे तो सीधे समाहरणालय की तरफ गए। दो युवक उनका पीछा कर रहे थे। भागने वालों को राश्ते का ज्ञान नहीं था। समाहरणालय के पास से शांति नहर पुल की तरफ जाने के चक्कर में समाहरणालय गेट में अंदर चले गए। वहां चारो तरफ चारदीवारी थी। पीछा करने वाले भी आ धमके। फिर क्या था शोर मचाते युवकों ने उन्हें दबोच लिया और पिटना शुरू किया।
वहां जमा लोगों ने भी दोनों अपराधियों पर जमकर हाथ साफ किया। इतना मारा की वे खड़े नहीं हो पा रहे थे। समाहरणालय में तैनात होमगार्ड के सिपाही मौके पर पहुंच गए। तब जाकर उनकी जान बची। फिर नगर थाना को फोन किया। पुलिस आई और उन्हें गिरफ्तार कर ले गई। उनके पास से एक अपाचे की नई माडल बाइक बरामद हुई। पुलिस ने बताया गिरफ्तार युवकों ने अपना नाम ब्रजेश कुमार दुबे और वीरबहादुर सिंह बताया है। वे उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के निवासी हैं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया। अगर दोनों युवक तत्परता नहीं दिखाते। तो फिर पुलिस की पकड़ में यह अपराधी शायद कभी नहीं आते।
कैसे हुई घटना
बक्सर खबर। मुफस्सिल थाना अंतर्गत लक्ष्मणपुर गांव के दो युवक मुन्ना सिंह व उनका भाई प्रदीप कुमार घर के काम से शहर आए थे। यह युवक लखनउ के मॉल में काम करते हैं। शुक्रवार की दोपहर स्टेशन के पास एटीएम से रुपये निकालने के लिए एक भाई अंदर गया। पीछे से अन्य दो लाइन में जा लगे। रुपये निकालने के दौरान निकासी में कुछ परेशानी हुई। तो पीछे वाले ने कहा मैं आपके रुपये निकाल देता हूं। इतना कहते हुए उसने एटीएम अपने हाथ में ले लिया। इस युवक ने कहा नहीं मैं स्वयं निकाल लुंगा। यह कहते हुए अपना एटीएम मांगा। वह नियम कायदा बताने लगा। लेकिन दबाव बनाने पर उसने दूसरा एटीम थमाते हुए कहा यह मशीन शायद सपोर्ट नहीं कर रही हो। आप पास वाले में जाकर चेक कर लें। उन दोनों की कचकच के कारण वह युवक एटीएम से बाहर आ गया। दूसरे एटीएम की तरफ गया ही था तभी मोबाइल पर 22 हजार रुपये निकालने का मैसेज आ गया। वह समझ गया धोखा हुआ है। अपने कार्ड को ध्यान से देखा तो वह बदल चुका था। तुरंत उस तरफ लपका। इतने में वे दोनों बाइक लेकर भागे। इन दोनों युवकों के पास भी बाइक थी। बिना समय गवाए उनके पीछे लपके। फिर क्या था, भागने वाले दूसरे जिले के थे। पीछा होते देख रास्ता भूले और पकड़ में आ गए। फिर उनका जो हाल हुआ। वह तस्वीर में देखकर आप समझ सकते हैं।