बक्सर खबर।( पाठक नामा, गोपाल जी दुबे की कलम से) : बक्सर जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य बबन उपाध्याय ने 4 सितम्बर को न्यायालय के समझ समर्पण किया। बरसों पुराने अपने एक मुकदमा जो दफा 153a के तहत है, में ए सीजीएम श्रीमती विद्या कुमारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। यह मुकदमा वर्ष 1999 में उपाध्याय के ऊपर संप्रदायिक दंगा फैलानेrģ ही चार्ज फ्रेम भी कर दिया। न्यायालय में जिस समय श्री उपाध्याय प्रस्तुत होने के लिए जा रहे थे वह दृश्य देखने काबिल था। अस्वस्थता के चलते उनके दो पुत्र उनके दोनों कंधों में हाथ लगाए और स्वयं उपाध्याय हाथ में सहारा के लिए छड़ी लिए एवं उनके पीछे भाजपा के अनेक वरिष्ठ साथी चल थे।
उपाध्याय की पैरवी वरीय अधिवक्ता बबन ओझा ने किया जबकि उपाध्याय के साथ सरकारी जीपी श्री प्रभुनाथ सिंह भी रहे। न्यायालय से नीचे उतरने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता ने अपने साथ के वरिष्ठ भाजपाइयों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग पत्र भी प्रस्तुत किया। उपाध्याय को इस बात इस बात का दुख था के, जिस सांप्रदायिकता एवं हिंदुत्व के नारा पर आज भाजपा इस शिखर मुकाम तक पहुंची है, उसी के शासन में भाजपा के तत्कालीन कार्यकर्ता नाहक परेशान किए जा रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता ने क्रमशः निम्नलिखित मांगे रखी। क्रमांक 1 – भाजपा कार्यकर्ताओं पर से सभी पुराने राजनीतिक मुकदमें बिना किसी शर्त के वापस लिया जाए। क्रमांक 2 – सभी 10 वर्ष से अधिक के सक्रिय भाजपा कार्यकर्ताओं को वतौर जीवन भताराशि पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर क्रमशः 25, 35 और 50 हजार प्रतिमा राशि प्रदान की जाए।
इस संदर्भ में उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि पुराने भाजपा कार्यकर्ता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भले ना हो यह यह सभी सत्ता परिवर्तन संग्राम सेनानी है। इनके अथक परिश्रम, सहयोग और पुरुषार्थ के बल पर आज भाजपा नेता विधानसभा, लोकसभा और अन्य विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं में मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और अध्यक्ष पद प्राप्त कर सत्ता का सूख भोग रहे हैं। और बाद इसके पेंशन के भी हकदार होते हैं। देश प्रदेश में यह नेता प्रिबिलेज पर्सन बनते हैं। क्रमांक 3 – चुनाव के दौरान लगे आचार संहिता उल्लंघन सम्बन्धी सभी केस समाप्त किया जाए। 4-पंचायत स्तर पर भाजपा परिवार के कम से कम दस कार्यकर्ताओं को उनकी योग्यता के आधार पर सरकारी सेवा में नौकरी उपलब्ध कराई जाए। क्रमांक 5 – सरकारी विकास योजनाओं का चयन स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद ही तय किया जाए और इस योजनाओं का नाम वहां के विशेष कार्यकर्ता के नाम पर रखा जाए। क्रमांक 6- चौसा स्टेशन पर लगे चौसा के गलत इतिहास को हटाया जाए। क्रमांक 7 – भारत रत्न विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के नाम पर उनके जन्मस्थान डुमरांव में भव्य स्मारक तथा विश्वविद्यालय खोला जाए। क्रमांक 8 – नाहर पटवन सिंचाई योजना सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में सूखा प्रभावित क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए समय पर डीजल अनुदान उपलब्ध कराया जाए और पटवन शुल्क माफ किया जाए। क्रमांक 9 – अकाल एवं बाढ़ प्रभावी परिवार को प्रति एकड़ 20 हजार रुपया फसल छती अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाए।
उपयुक्त मांग पत्र पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल जी दुबे, श्याम नारायण पाठक, हिमांशु चतुर्वेदी, पंडित कृष्णानंद, सत्येंद्र कुमार लाल, मदन जी दुबे आदि ने भी अपनी सहमति व्यक्त की है।