बक्सर खबर। मुखिया समेत नौ कर्मचारियों पर डीएम ने लगभग सत्रह लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। मामला सरकारी योजनाओं में हुई अनियमितता से जुड़ा है। जिम्मेवार पदों पर रहते हुए आठ कर्मियों ने अपने सेवा काल में भ्रष्टाचार होने दिया। हालाकि प्रशासन की जांच रिपोर्ट में इसे भ्रष्टाचार नहीं अपव्यय कहा गया है। लेकिन ऐसा करने वाली सिमरी प्रखंड की राजपुर कला मुखिया मीरा देवी, सिमरी के तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी रहे गजेन्द्र कुमार व धर्मेन्द्र कुमार, सहायक अभियंता सिद्धेश्वर शर्मा, रविन्द्र कुमार, शाकिब आलम, मिथिलेश कुमार सक्सेना, सुनील कुमार प्रखंड नाजीर, शशि रंजन पंचायत रोजगार सेवक, पर हर्जाना लगा है। इन सबके कार्यकाल में मनरेगा के तहत पंचायत क्षेत्र में हुई आठ योजनाओं में सरकारी राशि का दुरूपयोग हुआ है। जिसकी खबर मीडिया में आई थी।
डीएम राघवेन्द्र सिंह ने खबर पर संज्ञान लेते हुई इसकी जांच कराई। पहली जांच में रिपोर्ट स्पष्ट नहीं आई। फिर इसकी दूसरी जांच हुई। तब पता चला कि इन सभी लोगों ने मिलकर राशि का अपव्यय किया है। डीएम ने अपने आदेश में कहा है। सभी लोग एक सप्ताह के अंदर हर्जाने की रकम बैंक के माध्यम से ddc के नाम जमा करें। साथ ही अपना जवाब दें। क्यों नहीं इस अनियमितता के लिए उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। यह आदेश जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने एक दिन पहले 15 अक्टूबर को जारी किए हैं। सूचना बाहर आने के बाद से। मुखिया और पंचायत स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी अभी से ठंड का अनुभव कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया मामला लगभग एक वर्ष पहले का है। सात सितम्बर 2018 को दैनिक भास्कर समाचार पत्र ने खबर प्रकाशित की थी। जांच पूरी होने के पहले कई कर्मचारियों का यहां से स्थानान्तरण हो गया है। लेकिन, सरकारी नौकरी में होने के कारण। डीएम का आदेश उनका पीछा नहीं छोड़ेगा।