बक्सर खबर। मानस ज्ञाता मोरारी बापू ने रविवार को अपनी कथा में बक्सर की पुण्य भूमि का बखान करते हुए अनेक बातें कहीं। दूसरे दिन की कथा भी बक्सर और अहल्या पर केन्द्रीत रहीं। उन्होंने कहा यह वह भूमि है। जहां पहली बार प्रभु की कृपा का प्राकट्य हुआ। जब वे गौतम ऋषि के आश्रम पहुंचे। वहां अहल्या का उद्धार हुआ। यह पहला मौका था जब राम अवतार में उनकी सीधी कृपा किसी पर हुई।
यहीं आकर श्री राम घर वासी से जगत वासी बने। वैसे तो प्रभु की कृपा हमेशा और सब पर बनी रहती है। लेकिन, उसे ग्रहण करने के लिए सबसे जरुरी है गुरू की कृपा । उनके बगैर यह संभव नहीं। कथा के दौरान उन्होंने गुरू कृपा की विषद विवेचना की। उन्होंने शंकराचार्य जी का उल्लेख करते हुए कहा। वे कहते हैं अहंकार ही बंधन है। गुरू कृपा से उससे निकल जाना ही मुक्ति है।
सूर्योदय जितना जरुरी है उतना सर्वोदय भी जरुरी है
बक्सर खबर। बापू ने अपनी कथा के दौरान बहुत से जीवन सूत्रों की चर्चा की। कहा जगत के लिए सूर्योदय जीतना जरुरी है। उसी तरह सर्वोदय भी जरुरी है। जगत का कल्याण तभी हो पाएगा। जब इसका सर्वोदय किया जाए। शास्त्र कहते हैं। परमात्मा को वेदांत से जाना जा सकता है। लेकिन, उसे प्रेम से ही पाया जा सकता है। बगैर प्रेम के उसे पाना संभव नहीं। प्रेम अर्थात भक्ति। उसी तरह अगर आप कल्याण चाहते हैं। तो प्रेम करना सीखें। अन्यथा कल्याण नहीं होगा।
गलतियां हो जाएं तो भी पति-पत्नी एक दूसरे को माफ करें
बक्सर खबर। गलतियां सभी करते हैं। देवताओं ने भी गलतियां की हैं। लेकिन, वे देवता बने रहे। क्योंकि उन्होंने हमेशा उसके लिए क्षमा मांग ली। एक दूसरे को माफ किया। यहां भी अहल्या के साथ छल हुआ। लेकिन, उन्हें किसी ने माफ नहीं किया। जिसका परिणाम रहा। वह पाषाण बनी रही। यहां जरुरत थी उन्हें क्षमा करने की। क्योंकि अनजाने में अगर भूल जो जाए। तो माफी मिलनी चाहिए। कथा के दौरान बापू ने कहा जिसकी अक्ल मिले। वह मित्र होता है। अथवा उसे ही मित्र बनाना चाहिए। जिसकी शक्ल मिले वे भाई-बहन । लेकिन जिनकी अक्ल और शक्ल दोनों न मिले। वे पति-पत्नी होते हैं।
देश और विदेश से पहुंचे हैं कथा श्रवण करने वाले
बक्सर खबर। बापू की कथा सुनने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग यहां पहुंचे हैं। रविवार को स्त्रोता दिर्घा में आस्ट्रेलिया से आए हुए लोग दिखे। हालाकि उन्होंने पूछने पर अपना नाम शायद संकोचवस नहीं बताया। लेकिन, स्थानीय लोगों से ज्ञात हुआ कि यहां देश के सभी प्रमुख स्थानों से लोग बापू की कथा सुनने आए हैं।